स्वानी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान का विरोध करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि मौर्य ने अपने बयान के जरिए सनातन धर्म के अनुयायियों को जातिवाद और धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया है. गौरतलब है कि इससे पहले इसी बयान को लेकर अयोध्या थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई थी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए इसे प्रतिबंधित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि जो भी विवादित अंश रामचरितमानस ग्रंथ में संकलित हैं, उन्हें निकाला जाना चाहिए.
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तुलसीदास द्वारा लिखी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ का जिक्र करते हुए इस तरह की पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए. महिलाएं सभी वर्ग की हैं, क्या उनकी भावनाएं इससे आहत नहीं हो रहीं हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था एक तरफ तो कहेंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, तो दूसरी तरफ तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर कहेंगे कि इनको मारिए पीटिए. ऐसे में श्रीरामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए.