Lucknow News: रामचरितमानस विवाद में बुरे फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा नेता समेत 10 पर केस दर्ज, पांच गिरफ्तार

Lucknow News: स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा उतर आया है. ओबीसी महासभा ने यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को प्रदर्शन किया, और रामचरितमानस के पन्नों की प्रतियां जलाईं थीं. इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों को नामजद किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2023 1:34 PM
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Lucknow News: यूपी में रामचरितमानस पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या की ओर से लगातार विवादित बयान दिए जा रहे हैं. इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा उतर आया है. ओबीसी महासभा ने यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को प्रदर्शन किया, और रामचरितमानस के पन्नों की प्रतियां जलाईं थीं. इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों को नामजद किया गया है, साथ ही कुछ अज्ञात पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. रामचरितमानस के पन्नों की प्रतियां जलाने के मामले में 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है.

दरअसल, रविवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुलेआम मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं, और माफी नहीं मांगूंगा. अगर मेरे साथ सभी आदिवासी, पिछड़े, दलित और महिलाएं मंदिर में जाना बंद कर दें तो चढ़ावा भी बंद हो जाएगा, जिससे पंडितों की पेट पूजा बंद हो जाएगी.

रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान पर अब बीएसपी चीफ मायावती ने सपा के राजनीतिक रंग-रूप को दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है, किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण.

मायावती ने आगे लिखा, रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके.

‘उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहां सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी.

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