UP Latest News: यूपी में 16 जुलाई से चलेगा दस्तक अभियान, संक्रामक रोग से पीड़ित मरीजों की होगी पहचान

UP की योगी आदित्यनाथ सरकार जलजनित व संक्रामक बीमारियों पर दस्तक अभियान के माध्यम से वार करेगी. इसमें सभी जिलों में घर-घर जाकर टीमें दस्‍तक देंगी. इसमें संक्रामक रोग, टीबी, कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी. रोगियों व लक्षणयुक्त व्यक्तियों की जांच के साथ ही उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2022 5:28 PM
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Lucknow: यूपी में संक्रामक रोगों की पहचान के लिए 16 जुलाई से घर-घर दस्तक अभियान शुरू होगा. यह अभियान 16 से 31 जुलाई तक चलेगा. इसमें मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी. इस टीम में आशा वर्कर के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल रहेंगे. टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

दस्तक अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों की जानकारी भी इकठ्ठा की जाएगी. इसके अलावा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी. हाई रिस्क क्षेत्रों व दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के के सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाएगी. यूपी में विशेष संचारी रोग अभियान की शुरूआत 01 जुलाई से की जा चुकी है. यह अभियान भी 31 जुलाई तक चलेगा.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल पेश किए हैं. सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित स्वच्छता, फॉगिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. उन्‍होंने सूअर बाड़ों को आबादी से दूर स्थापित करने, बारिश के मौसम को ध्‍यान में रखते हुए मलिन बस्तियों में साफ-सफाई, नियमित फॉगिंग, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने और क्लोरीन की गोलियां बांटने के भी निर्देश दिए हैं.

https://twitter.com/myogiadityanath/status/1542785918561447936

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1 जुलाई को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से प्रदेश स्तरीय विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि प्रदेश में दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत तक नियंत्रण पा लिया गया है. यह सामूहिक प्रयासों का परिणाम है. इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाने में समाज के हर एक तबके ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है. अब हमें बची 05 प्रतिशत बीमारी पर भी नियंत्रण प्राप्त कर इंसेफेलाइटिस का पूर्ण उन्मूलन करना है.

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