डब्ल्यूएचओ तैयार कर रहा 300 वैज्ञानिकों की टीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस रिसर्च के लिए 300 वैज्ञानिकों की एक टीम तैयार कर रहा है, जो भविष्य में महामारी फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस की पहचान करेगी. साथ ही ये टीम इन रोगाणुओं के टीके और इलाज पर भी काम करेगी. डब्ल्यूएचओ ने ऐसे जीवाणुओं की पहली लिस्ट 2017 में पब्लिश की थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की लिस्ट में शामिल डिजीज
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की लिस्ट में क्रीमियन-कॉन्ग रक्तस्रावी बुखार, इबोला वायरस रोग, कोविड-19 और मारबर्ग वायरस रोग, लस्सा बुखार, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS), निपाह और हेनिपाविरल रोग, रिफ्ट वैली फीवर, जीका और रोग एक्स शामिल हैं. रोग एक्स (Disease X) को एक अज्ञात जीवाणु या विषाणु को दिखाने के लिए सूची में शामिल किया गया है, जोकि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय महामारी हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने कहा कि, तेजी से और प्रभावी महामारी और महामारी प्रतिक्रिया के लिए अनुसंधान और काउंटरमेशर्स के विकास के लिए प्राथमिक रोगजनकों और वायरस परिवारों को लक्षित करना आवश्यक है. COVID-19 महामारी से पहले महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास निवेश के बिना, रिकॉर्ड समय में सुरक्षित और प्रभावी टीके विकसित करना संभव नहीं होता.
संशोधित सूची 2023 में प्रकाशित होने की उम्मीद
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने इस सूची को अनुसंधान समुदाय के लिए एक संदर्भ बिंदु कहा है ताकि वे अगले खतरे का प्रबंधन करने के लिए अपनी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर सकें. उन्होंने कहा कि, ‘यह क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मिलकर विकसित किया गया है, और जहां हम एक वैश्विक शोध समुदाय के रूप में परीक्षण, उपचार और टीकों को विकसित करने के लिए ऊर्जा और धन निवेश करने की जरूरत है. प्राथमिकता रोगजनकों की संशोधित सूची 2023 की पहली तिमाही में प्रकाशित होने की उम्मीद है.