सपा जिलाध्यक्ष ने की शिकायत, एसएसपी ने दिए जांच के आदेश
इस गंभीर टिप्पणी को लेकर सपा के जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने गुरुवार को फिरोजाबाद के एसएसपी सौरभ दीक्षित से मुलाकात की और आरोपित सिपाही के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने बताया कि यह सिपाही पूर्व में एसपी देहात के हमराह भी रह चुका है और उसकी इस हरकत से पार्टी की गरिमा को ठेस पहुंची है. शिकायत मिलते ही एसएसपी ने मामले की जांच का जिम्मा सीओ सदर चंचल त्यागी को सौंप दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत की जाए.
24 घंटे में रिपोर्ट तैयार, 6 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए
सीओ सदर चंचल त्यागी की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को ही एसएसपी को सौंप दी गई. रिपोर्ट में साफ बताया गया कि न सिर्फ आरक्षी प्रदीप ठाकुर ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, बल्कि पांच अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे आगे वायरल करने में भूमिका निभाई. जांच में इन सभी की संलिप्तता स्पष्ट रूप से सामने आई. इनमें मुख्य आरक्षी कुलदीप, आरक्षी राहुल, आरक्षी अमित, आरक्षी अरुण और आरक्षी सौरभ शामिल हैं. इन सभी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
सभी सस्पेंड सिपाही अयोध्या ड्यूटी में थे तैनात
एसएसपी ने बताया कि सभी निलंबित पुलिसकर्मी वर्तमान समय में अयोध्या में ड्यूटी कर रहे थे. इनमें से कुछ थाना नारखी, कुछ थाना शिकोहाबाद और कुछ पुलिस कार्यालय फिरोजाबाद से जुड़े हैं. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने बिना देरी किए कड़ा कदम उठाया और इन सभी को अनुशासनहीनता का दोषी मानते हुए निलंबन का आदेश जारी किया. यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन किसी भी प्रकार की राजनैतिक या व्यक्तिगत टिप्पणियों को सार्वजनिक मंच पर बर्दाश्त नहीं करेगा.
अन्य पुलिसकर्मियों की भी हो रही जांच, और निलंबन संभव
जांच में यह बात भी सामने आई है कि इस विवादित स्टेटस को कुछ और सिपाहियों ने भी साझा किया था या उसकी प्रतिक्रिया में टिप्पणियाँ की थीं. इन सिपाहियों की पहचान कर ली गई है और अब उनके खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है. अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि पुलिस विभाग की छवि और अनुशासन को ठेस पहुँचाने वाली किसी भी हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. सभी पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर संयमित व्यवहार अपनाने की सख्त हिदायत दी गई है.