Baghpat : यूपी में बागपत जिले के बरनावा में स्थित महाभारत कालीन लाक्षागृह पर सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम न्यायालय ने हिंदूओं की पक्ष में फैसला दिया था. जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष अपील दायर करने की तैयारी कर रहा है. वहीं हिंदू पक्ष मंगलवार यानी आज कैविएट डालने की बात कही है. उनका कहना है कि वह कैविएट डालने कचहरी में जाएंगे. बरनावा में मुस्लिम पक्ष के मुकीम खान की तरफ से एक अप्रैल 1970 को बरनावा में प्राचीन टीले पर शेख बदरुद्दीन की मजार व कब्रिस्तान होने का दावा करते हुए खसरा संख्या 3377 की 36 बीघा 6 बिस्से 8 बिस्वांसी जमीन पर मालिकाना हक को याचिका दायर की थी. इसमें उसको ऐतिहासिक टीला महाभारत कालीन लाक्षागृह मानते हुए वहां गुफा व शिव मंदिर के अवशेष होने की बात कहते हुए न्यायाधीश शिवम द्विवेदी ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था. इस मामले में इरशाद मुन्ना समेत अन्य फैसले के खिलाफ अपील डालने की तैयारी कर रहे हैं. इसको देखते हुए हिंदू पक्ष ने कैविएट डालने की तैयारी की हुई है. हिंदू पक्ष के यशोधर्मा सोलंकी और राजपाल त्यागी ने बताया कि वह भी मंगलवार को कैविएट डालने कचहरी में जाएंगे. गौरतलब है कि 5 फरवरी को लाक्षागृह मामले की सुनवाई स्थानीय अदालत की सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम शिवम द्विवेदी की कोर्ट में हुई. कोर्ट ने करीब 53 साल से चल रहे मुकदमें में फैसला सुनाते हुए मालिकाना हक हिंदू पक्ष को दिया है. मेरठ की कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से साल 1970 में केस दायर किया गया था. यह केस 1997 में बागपत कोर्ट में शिफ्ट हुआ था, तभी से इसकी सुनवाई यहां हो रही थी. जिसमें करीब 875 तारीखें लगाई गईं और दोनों पक्षों के 12 गवाह बने. यहां मुस्लिम पक्ष मजार और कब्रिस्तान होने का दावा कर रहा था, जिस पर कोर्ट ने 32 पेज पर 104 बिंदुओं में फैसला देते हुए आखिर में केवल इतना लिखा कि वादी वाद साबित करने में असफल रहे और इसे निरस्त किया जाता है.
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