मायावती का केंद्र पर तीखा वार: “जनगणना में ईमानदारी जरूरी, बहुजन समाज अब चुप नहीं बैठेगा”

Caste Census 2025: बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र पर जातीय जनगणना में ईमानदारी बरतने की नसीहत दी और कांग्रेस को इसके लटकने का दोषी ठहराया. उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए चुनावी तैयारियों का ज़िक्र किया और कार्यकर्ताओं को सजग रहने के निर्देश दिए.

By Abhishek Singh | June 17, 2025 3:05 PM
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Caste Census 2025: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने जातीय जनगणना और राष्ट्रीय जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के ज़रिए मायावती ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि देश में जनगणना का काम कांग्रेस के समय से लंबित पड़ा था और अब भाजपा की केंद्र सरकार इसे ढंग से करवा पाने में भी संदेह पैदा कर रही है.

उन्होंने कहा, “जनगणना का कार्य जनकल्याण से सीधे जुड़ा हुआ है, और अब जब प्रक्रिया शुरू हुई है, तो इसे समय से और पूरी ईमानदारी से संपन्न किया जाना चाहिए.” मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी इस मुद्दे पर अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को जागरूक करेगी ताकि किसी भी धोखाधड़ी या भटकावे से बचा जा सके.

“भाजपा की उपलब्धियों का जवाब जनता समय आने पर देगी”

अपने बयान में मायावती ने भाजपा के 11 वर्षों के शासनकाल पर भी सवाल उठाए. उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में जितनी ‘अपार उपलब्धियों’ की बात की है, वह वास्तव में जमीन पर कितनी प्रभावी रही हैं, इसका जवाब जनता चुनाव में देगी.

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी और जनजीवन की पीड़ा आज भी जस की तस बनी हुई है. ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार केवल प्रचार न करे, बल्कि धरातल पर भी सुधार दिखे.

बसपा का रुख: अब हर मुद्दे पर सतर्कता और रणनीतिक मजबूती

मायावती ने यह भी ऐलान किया कि बसपा अब हर मुद्दे पर पूरी सतर्कता बरतेगी. उन्होंने यह भरोसा जताया कि पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जनगणना, सामाजिक न्याय और चुनावी मुद्दों पर सजग रहेंगे और जनता को सही तथ्य बताएंगे.

उन्होंने लिखा, “पार्टी अपने लोगों को इन मुद्दों पर सजग करेगी और केंद्र की नीयत व नीति पर नजर रखेगी.”

चुनावी मोर्चे पर भी एक्टिव मोड में बसपा

मायावती ने बताया कि उन्होंने खुद बैठकों की शुरुआत की है और पार्टी की चुनावी तैयारियों की गहराई से समीक्षा हो रही है. खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में संगठन को मजबूती देने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. बैठकों में पार्टी पदाधिकारियों से जवाबदेही तय की गई है.

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर काम

उन्होंने खुलासा किया कि बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी सक्रिय हो चुकी है. संगठनात्मक बैठकें चल रही हैं और रणनीति तय की जा रही है, ताकि वहां भी बसपा को मजबूत उपस्थिति दिलाई जा सके.

“जनता के मुद्दों पर खामोश नहीं रहेगी बसपा”

मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि बसपा अब जनता के अहम मुद्दों पर चुप नहीं बैठेगी. चाहे वह जनगणना से जुड़ी पारदर्शिता हो, बेरोजगारी की चुनौती हो या फिर सामाजिक न्याय का सवाल – पार्टी हर स्तर पर मुखर होकर काम करेगी.

जनगणना जैसे अहम मुद्दे पर मायावती की सक्रियता बताती है कि बसपा अब सिर्फ इंतजार नहीं करेगी, बल्कि सवाल भी पूछेगी और जनता को तैयार भी करेगी. यह बयान न केवल आने वाले चुनावों के लिए एक संकेत है, बल्कि राजनीतिक तौर पर बसपा की आक्रामक रणनीति का भी हिस्सा है.

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