“दलित को भेजते तो गर्व होता” – अंतरिक्ष मिशन पर कांग्रेस नेता उदित राज का जातिगत बयान!

Caste Politics In Space Mission: कांग्रेस नेता उदित राज ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी पर बधाई देते हुए कहा कि इस बार किसी दलित, OBC या ST व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था. उन्होंने सवाल उठाया कि नासा ने कोई परीक्षा नहीं ली, फिर शुक्ला का चयन कैसे हुआ?.

By Abhishek Singh | July 15, 2025 5:44 PM
an image

Caste Politics In Space Mission: कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी पर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि इस बार किसी दलित, पिछड़े या आदिवासी समाज के व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था. समाचार एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया कि इस तरह के मिशन में सरकार की मंशा और चयन की प्रक्रिया में सामाजिक न्याय भी दिखना चाहिए. उन्होंने शुभांशु शुक्ला को बधाई देते हुए कहा कि वह सुरक्षित लौटे और उनका अनुभव मानवता के लिए उपयोगी रहेगा, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि यह अवसर किसी SC, ST या OBC वर्ग के व्यक्ति को दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता.

NASA ने कोई परीक्षा नहीं ली, सरकार चाहती तो दलित को भेज सकती थी

उदित राज ने अपने बयान में यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि नासा ने कोई लिखित या प्रतियोगी परीक्षा ली हो जिसमें शुभांशु शुक्ला चयनित हुए हों. उन्होंने दावा किया कि यह एक राजनीतिक और व्यवस्थागत फैसला होता है, जिसमें सरकार प्रतिनिधित्व तय कर सकती थी. उनका कहना था कि 1984 में जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष गए थे, तब वंचित समाज के लोग इतने सक्षम नहीं थे, लेकिन अब परिस्थिति बदल चुकी है और दलित-पिछड़े वर्ग के लोग भी योग्य हो चुके हैं. इसलिए इस बार उनके समाज से किसी को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था.

बयान पर छिड़ी बहस, सोशल मीडिया पर बंटा देश

उदित राज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कुछ लोग उनके तर्क को सामाजिक न्याय के नजरिए से सही बता रहे हैं, वहीं कई लोगों ने इसे वैज्ञानिक उपलब्धियों पर राजनीति करने वाला बयान बताया. इंटरनेट पर ‘मेरिट बनाम आरक्षण’ जैसी बहसें फिर से ताजा हो गई हैं, जिसमें लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या ऐसे मिशनों में भी जातिगत आधार लाना उचित है?

सरकार ने किया स्वागत, ISRO सूत्रों ने दी तकनीकी सफाई

शुभांशु शुक्ला की वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत करते हुए इस उपलब्धि को देश के लिए ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह भारत के गगनयान मिशन की दिशा में बड़ा कदम है. इस बीच ISRO से जुड़े सूत्रों ने अनौपचारिक रूप से स्पष्ट किया कि Axiom-4 मिशन पूरी तरह तकनीकी मानकों और विशेषज्ञता पर आधारित था. इसमें चयन अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और टेस्ट पायलट अनुभव के आधार पर हुआ, न कि किसी जातिगत समीकरण से.

क्या भविष्य के मिशनों में दिखेगा सामाजिक संतुलन?

उदित राज का बयान भले ही विवादों में हो, लेकिन इससे एक बार फिर यह बहस जरूर शुरू हो गई है कि क्या विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी सामाजिक प्रतिनिधित्व की भावना को बढ़ावा दिया जाना चाहिए? कई समाजशास्त्री मानते हैं कि लंबे समय के लिए समाधान यह है कि वंचित वर्गों को वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलें, ताकि वे स्वयं मेहनत से इन उपलब्धियों तक पहुंच सकें. इसके लिए सरकार को स्कॉलरशिप, ट्रेनिंग और स्टेम शिक्षा में आरक्षित योजनाओं को और सशक्त करना होगा.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version