योगी सरकार का बड़ा तोहफा: यूपी के श्रमिकों को अब मिलेगा सम्मान, सुविधा और सुरक्षित आश्रय

CM YOGI GIFTS: योगी सरकार ने यूपी के श्रमिकों के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र और विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना शुरू की है. इनसे श्रमिकों को पंजीकरण, सरकारी योजनाओं की जानकारी, स्वच्छ आवास और मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी. यह पहल श्रमिकों को सम्मान और सुरक्षा देने की दिशा में बड़ा कदम है.

By Abhishek Singh | May 30, 2025 4:24 PM
an image

CM YOGI GIFTS: उत्तर प्रदेश सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं को समझते हुए उनके कल्याण के लिए दो अहम योजनाओं की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अब प्रवासी और स्थानीय श्रमिकों को सुरक्षित आश्रय, सरकारी योजनाओं की जानकारी और मूलभूत सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने जा रही है. इसके तहत दो बड़ी योजनाएं लागू की जा रही हैं डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र और विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना.

डॉ. अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र बनेंगे वन-स्टॉप समाधान केंद्र

सरकार ने पहले चरण में प्रदेश के 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्रों में डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है. इन केंद्रों को श्रमिकों के लिए एक ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां श्रमिकों को स्वच्छ पेयजल, शौचालय, पंजीकरण की सुविधा, सरकारी योजनाओं की जानकारी और अन्य आवश्यक सेवाएं मिलेंगी. इन केंद्रों का उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों और सरकारी लाभों से जोड़ना है ताकि वे योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें.

सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा हर श्रमिक

इन सुविधा केंद्रों में श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जिससे उन्हें श्रमिक कार्ड मिल सकेगा और वे राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए पात्र हो सकेंगे. अक्सर देखा गया है कि जानकारी के अभाव में असंगठित क्षेत्र के श्रमिक लाभों से वंचित रह जाते हैं. अब इन केंद्रों के माध्यम से यह समस्या दूर होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष श्रम विभाग ने इन योजनाओं का पूरा खाका प्रस्तुत किया, जिसे सीएम ने मंजूरी देते हुए त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए.

प्रवासी श्रमिकों को मिलेगा सुरक्षित ट्रांजिट हॉस्टल

प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक रोज़गार की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं. ऐसे श्रमिकों के पास न तो कोई ठिकाना होता है और न ही रहने के लिए सुरक्षित स्थान. वे अक्सर रेलवे स्टेशन, बस अड्डों या फुटपाथों पर रात गुजारते हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए सरकार विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना लेकर आई है. इस योजना के अंतर्गत ट्रांजिट हॉस्टल यानी अस्थायी श्रमिक सराय का निर्माण किया जाएगा, जिसमें श्रमिकों को कुछ दिनों के लिए सुरक्षित और साफ-सुथरी जगह पर ठहरने की सुविधा मिलेगी.

सरायों में मिलेंगी बुनियादी सुविधाएं

इन श्रमिक सरायों में स्वच्छ शौचालय, स्नानागृह, क्लॉक रूम और अस्थायी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. यह व्यवस्था श्रमिकों को न केवल सम्मानपूर्ण रहने की जगह देगी, बल्कि उन्हें अगली सुबह काम की तलाश में ताजगी और ऊर्जा के साथ निकलने में भी मदद करेगी. सरकार चाहती है कि श्रमिकों को अब सड़कों पर रातें बिताने के लिए मजबूर न होना पड़े. यह कदम श्रमिकों को आत्म-सम्मान और सुरक्षा की भावना प्रदान करेगा.

मुख्यमंत्री योगी की सोच: श्रमिकों को सम्मान और सुविधा जरूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार अपने भाषणों और नीतिगत फैसलों में यह साफ किया है कि जो लोग अपने पसीने से राज्य का निर्माण करते हैं, उनके लिए सरकार को संवेदनशील और उत्तरदायी होना चाहिए. उन्होंने कहा है कि श्रमिकों की भलाई केवल नीतियों से नहीं, बल्कि ठोस ज़मीनी ढांचे से संभव है. यही कारण है कि सरकार अब पहली बार श्रमिकों के लिए स्थायी संरचना खड़ी कर रही है, जो न सिर्फ आज बल्कि आने वाले वर्षों में भी श्रमिक कल्याण का आधार बनेगी.

भविष्य में सभी नगर क्षेत्रों और औद्योगिक इलाकों तक विस्तार

सरकार की योजना है कि इन दोनों योजनाओं का भविष्य में और अधिक विस्तार किया जाए. आने वाले समय में हर नगर क्षेत्र और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे सुविधा केंद्र और ट्रांजिट हॉस्टल बनाए जाएंगे, ताकि कोई भी श्रमिक सरकार की इन सुविधाओं से वंचित न रह जाए. यह योजना एक मॉडल के रूप में तैयार की जा रही है, जिसे अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है.

श्रमिकों के लिए नए युग की शुरुआत

योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह दिखाती है कि सरकार समाज के सबसे मेहनती तबके को भी बराबरी और गरिमा के साथ देखना चाहती है. अब उत्तर प्रदेश के श्रमिक सिर्फ कामगार नहीं, बल्कि राज्य निर्माण में सहभागी और सम्मानित नागरिक की तरह महसूस करेंगे. यह शुरुआत है एक ऐसे बदलाव की, जो श्रमिकों को सशक्त बनाएगा, उन्हें सुरक्षित करेगा और उन्हें भविष्य के प्रति आश्वस्त करेगा.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version