क्या था पूरा मामला
1 अप्रैल 2010 की सुबह करीब 5:15 बजे बेलांव घाट बैरियर के पास टोल टैक्स के विवाद में संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में ठेकेदारी की रंजिश को वजह माना था और तत्कालीन सांसद धनंजय सिंह के अलावा आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह और सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
गवाहों के बयान और कोर्ट की कार्यवाही
इस केस में कुल 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिन्हें एडीजीसी लाल बहादुर पाल ने परीक्षित कराया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया. धनंजय सिंह ने कहा कि उन्हें राजनीतिक रंजिश के चलते फंसाया गया था.
धनंजय सिंह का बयान: “मुझे न्यायपालिका पर था भरोसा”
निर्णय आने के बाद धनंजय सिंह ने कहा….
“मुझे पहले से भरोसा था कि न्यायपालिका से मुझे न्याय मिलेगा. यह एक राजनीतिक द्वेष से प्रेरित मामला था, जिसमें मुझे फंसाया गया. मुझे पार्टी से निष्कासित किया गया, जिले में आने पर धारा 144 लगा दी गई. आज वही मामला खत्म हुआ. मैं न्यायपालिका का आभार व्यक्त करता हूं कि 15 वर्षों बाद मुझे न्याय मिला.”