सपा सांसद आदित्य यादव का बिजली चोरी पर बयान बना सियासी विवाद, विपक्ष ने घेरा

ETAWAH: सपा सांसद आदित्य यादव ने बिजली संकट पर बयान देते हुए कहा कि जब सरकार बिजली नहीं देगी तो जनता अपने तरीके से लेगी. विपक्ष ने इसे बिजली चोरी को बढ़ावा देने वाला बयान बताया और आलोचना करते हुए माफी की मांग की. मामला सियासी विवाद बन गया है.

By Abhishek Singh | May 17, 2025 8:49 PM
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ETAWAH: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आदित्य यादव एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. हाल ही में इटावा में एक जनसभा के दौरान उन्होंने प्रदेश में बिजली संकट पर टिप्पणी करते हुए ऐसा बयान दे दिया, जिसे विपक्ष ने बिजली चोरी को बढ़ावा देने वाला करार दिया. आदित्य यादव ने कहा कि सरकार बिजली उपलब्ध कराने में नाकाम रही है और जब जनता को बिजली नहीं मिलेगी तो लोग “अपने तरीके से इंतज़ाम करेंगे”. इस बयान को विपक्ष ने खुले तौर पर बिजली चोरी को समर्थन देने वाला बताया है और तीखी आलोचना शुरू कर दी है.

बिजली संकट पर आदित्य यादव की टिप्पणी


सांसद आदित्य यादव ने अपने संबोधन में प्रदेश में बढ़ते बिजली संकट का ज़िक्र करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली कटौती से आम लोग बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में हालात ये हैं कि लोग गर्मी में तड़प रहे हैं. सरकार बिजली देने में असफल रही है. जब जनता को उसका हक़ नहीं मिलेगा तो लोग अपने तरीके से लेंगे.”

इस कथन को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को मजबूरन वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है क्योंकि सरकार की नीतियां फेल हो चुकी हैं. हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से बिजली चोरी का ज़िक्र नहीं किया, लेकिन “अपने तरीके से लेने” वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

विपक्ष ने साधा निशाना


भाजपा समेत अन्य दलों ने आदित्य यादव के बयान की निंदा करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “यह बयान साफ तौर पर जनता को कानून तोड़ने के लिए उकसाता है. एक सांसद से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती. आदित्य यादव को माफी मांगनी चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि वे क्या कहना चाहते थे.”

भाजपा नेताओं का कहना है कि जब कोई जनप्रतिनिधि इस तरह के बयान देता है, तो इससे आम लोगों में गलत संदेश जाता है. उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में पहले भी बिजली चोरी आम बात थी और अब फिर से वही मानसिकता सामने आ रही है.

सरकार की प्रतिक्रिया


प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि बिजली चोरी एक गंभीर अपराध है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने प्रदेश भर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. जो भी व्यक्ति या संस्था बिजली चोरी में लिप्त पाई जाएगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो.” उन्होंने यह भी कहा कि जनता को नियमित और पर्याप्त बिजली आपूर्ति देने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए नई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

सपा का बचाव


इस विवाद पर सपा प्रवक्ता ने आदित्य यादव का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सांसद का आशय यह था कि जनता बिजली की भारी कटौती से परेशान है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. “वह केवल जनता की पीड़ा को सामने ला रहे थे, न कि किसी गैरकानूनी काम को बढ़ावा दे रहे थे,” सपा प्रवक्ता ने कहा.

राजनीतिक गलियारों में हलचल


इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत में नई बहस शुरू हो गई है. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आदित्य यादव का बयान उनकी नाराज़गी और जनता की हताशा को दर्शाता है, लेकिन जिस भाषा का प्रयोग उन्होंने किया वह राजनीतिक रूप से उचित नहीं था. वहीं, भाजपा इसे मुद्दा बनाकर आगामी चुनावों में भुनाने की तैयारी में है. सपा सांसद आदित्य यादव का बिजली संकट पर दिया गया बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. विपक्ष इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ मानते हुए माफी की मांग कर रहा है, जबकि सपा इसे जनभावना की अभिव्यक्ति बता रही है. अब देखना यह होगा कि यह विवाद क्या रूप लेता है और इसका आगामी चुनावों पर क्या असर पड़ता है.

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