2022 में दर्ज हुआ था FIR
CBI ने 22 सितंबर 2022 को इस मामले में FIR दर्ज की थी, जिसमें अमित निगम पर 1 जनवरी 2008 से 30 जून 2018 के बीच विभिन्न पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिये अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. उस दौरान वे दिल्ली, मुरादाबाद और लखनऊ सहित कई स्थानों पर उप आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और अपर आयुक्त जैसे अहम पदों पर तैनात रहे.
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बेनामी नामों का इस्तेमाल करने का शक
जांच में सामने आया है कि इन 14 अचल संपत्तियों में से कुछ अमित निगम के नाम पर हैं, जबकि कई संपत्तियां उनके परिजनों के नाम पर खरीदी गई हैं. CBI को शक है कि इन संपत्तियों को छिपाने और काले धन को वैध दिखाने के लिए बेनामी नामों का इस्तेमाल किया गया.
संपत्तियों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया तेज
एजेंसी की जांच अभी जारी है और अधिकारियों का मानना है कि आगे और भी अवैध संपत्तियों और लेन-देन का खुलासा हो सकता है. यह मामला आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ा संकेत है कि सरकारी पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिए बनाई गई संपत्तियों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया तेज की जा रही है.