1952 और 1955 में दो-दो सांसद
गोरखपुर सीट (Gorakhpur Lok Sabha Election Result 2024) के इतिहास पर नजर डालें तो 1951-52 में गोरखपुर सीट आस्तित्व में आई. इस सीट खास बात यह रही है कि 1952 और 1957 में यहां दो-दो सांसद चुने गए. एक सामान्य और दूसरा अनुसूचित जाति जनजाति का. 1961 में ये व्यवस्था खत्म की गई. 1962 में हिंदू महासभा के दिग्विजय नाथ को कांग्रेस के सिंहासन सिंह ने हराया था. 1967 में गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजय नाथ ने यहां से जीत हासिल की थी. उनकी मृत्यु के बाद 1969 में यहां उपचुनाव हुए और महंत अवेद्यनाथ यहां से सांसद चुने गए.
महंत दिग्विजय नाथ ने निर्दलीय जीत हासिल की
1957 और 1962 में कांग्रेस के सिंहासन सिंह ने जीत हासिल की. 1967 में निर्दलीय महंत दिग्विजय नाथ चुनाव जीते और कांग्रेस के एसएल सक्सेना दूसरे नंबर पर रहे. 1971 में कांग्रेस से नरसिंह नारायन जीते. इसी साल निर्दलीय अवेद्य नाथ दूसरे नंबर पर रहे थे. 1977 में भारतीय लोकदल से हरिकेश बहादुर जीते फिर, 1980 में हरिकेश बहादुर ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की. 1984 में कांग्रेस के मदन पांडेय ने गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा के टिकट पर 1989, बीजेपी के टिकट पर 1991 और 1996 में भी बीजेपी के टिकट पर यहां महंत अवेद्य नाथ सांसद रहे.
योगी आदित्यानाथ ने पांच बार किया प्रतिनिधित्व
1998 से 2014 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद रहे. 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने गोरखपुर सीट से इस्तीफा दे दिया था. उपचुनाव में यहां से समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद ने जीत हासिल की थी. लेकिन इस जीत को 2019 में समाजवादी पार्टी बरकरार नहीं रख पाई और उसे रविकिशन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने सपा के राम भुआल निषाद को 3 लाख से अधिक वोट से हराया था. रविकिशन को 717122 और रामभुआल निषाद को 415458 वोट मिले थे.
रविकिशन के मुकाबले काजल निषाद
2024 में एक बार फिर रविकिशन बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं तो समाजवादी पार्टी ने यहां से भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को टिकट दिया है. काजल निषाद सपा के टिकट पर गोरखपुर मेयर का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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गोरखपुर की राजनीति में गोरक्षपीठ का बहुत असर रहा है. 10 लोकसभा चुनाव में गोरखपुर गोरक्षपीठ के महंत सांसद बन चुके हैं. बीते आठ चुनाव की बात करें तो तीन बार महंत अवेद्य नाथ तो पांच बार योगी आदित्यनाथ यहां से सांसद रहे हैं. योगी आदित्यनाथ 26 साल की उम्र में गोरखपुर से सांसद बन गए थे. 2009 में सपा ने भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी को गोरखपुर से टिकट दिया था. उनके सामने बीजेपी से योगी आदित्यनाथ थे. इस चुनाव में मनोज तिवारी तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि बीएसपी के विनय शंकर तीसरे दूसरे स्थान पर.