Uttar Pradesh Infrastructure: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में विकास की रफ्तार अब और तेज होने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ के सलारपुर में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण कर एक और मेगा प्रोजेक्ट जनता को समर्पित किया. हजारों की संख्या में जुटी भीड़, जोश से भरे भाजपाई कार्यकर्ता और जनसभा में तालियों की गूंज ने एक बार फिर यह जता दिया कि पूर्वांचल अब बदल रहा है और विकास की गूंज हर गांव-हर शहर तक पहुंच रही है.
नंद गोपाल नंदी ने किया सीएम का भव्य स्वागत, जनसभा में दिखा जनसैलाब
कार्यक्रम स्थल पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया. मुख्यमंत्री जैसे ही मंच पर पहुंचे, पूरा पंडाल ‘जय श्रीराम’ और ‘योगी-योगी’ के नारों से गूंज उठा. जनसभा स्थल पर लोगों का हुजूम यह बताने के लिए काफी था कि पूर्वांचल में भाजपा की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं.
सीएम योगी का बड़ा बयान—‘1857 में ये कनेक्टिविटी होती तो क्रांति सफल हो जाती’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में ऐतिहासिक संदर्भ जोड़ते हुए कहा-:
“1857 में वीर कुंवर सिंह और उनके जैसे क्रांतिकारियों ने आज़ादी की जो लड़ाई लड़ी, अगर उस समय ऐसा एक्सप्रेसवे होता, इतनी तेज कनेक्टिविटी होती, तो शायद आजमगढ़ समेत पूरा देश तभी आज़ाद हो गया होता.” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो नेता सिर्फ जाति की राजनीति करते थे, वे सिर्फ वोट लेने पूर्वांचल आते थे. अब यहां विकास स्थायी हो चुका है.
चार जिलों को जोड़ेगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बनेगा छह लेन का भविष्य
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे कुल 91.35 किलोमीटर लंबा है, जो गोरखपुर के जैतपुर (NH-27) से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है. यह चार जिलों—गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़—से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे दो चरणों में तैयार हुआ है:
पहला खंड: जैतपुर से फुलवरिया (अंबेडकरनगर) — 48.317 किमी दूसरा खंड: फुलवरिया से सलारपुर (आजमगढ़) — 43.035 किमी
इस परियोजना पर कुल 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है और भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है.
गंगा एक्सप्रेसवे से सोनभद्र तक विकास की धारा—सीएम योगी की बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि प्रयागराज में बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे अब सोनभद्र से जोड़ा जाएगा, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश को औद्योगिक और पर्यटन दृष्टि से नई ऊंचाई मिल सकेगी.
“अब विकास गाड़ियों की रफ्तार से नहीं, उड़ान की रफ्तार से होगा. हमने सड़कों के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर जनता की जिंदगी आसान बनाई है.”
पूर्वांचल का भविष्य अब एक्सप्रेसवे से जुड़ा है, न कि जातिगत समीकरणों से
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल अब वह नहीं रहा जो सिर्फ राजनीति के दौरान याद किया जाता था. अब यहां सड़कें हैं, रोजगार है, मेडिकल कॉलेज हैं, एक्सप्रेसवे हैं और सबसे जरूरी “एक स्थिर और निर्णायक सरकार है, जो बिना भेदभाव सबका विकास कर रही है.”
राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट—2027 की तैयारी शुरू
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन नहीं था, यह भाजपा की पूर्वांचल को लेकर अगली चुनावी रणनीति का भी संकेत था. मुख्यमंत्री ने एक ओर ऐतिहासिक गौरव से जोड़कर जनता की भावनाओं को जोड़ा, तो दूसरी ओर विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए साफ किया कि उत्तर प्रदेश अब किसी के ‘प्रयोग का मैदान’ नहीं है, बल्कि यह ‘प्रगति का मॉडल’ बन चुका है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण पूर्वांचल के लिए सिर्फ एक सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि यह उस विकास दर्शन का प्रमाण है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘नए उत्तर प्रदेश’ के रूप में गढ़ रहे हैं जहां कनेक्टिविटी सिर्फ दूरी नहीं घटाती, बल्कि अवसरों को जोड़ती है.
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