अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस: चुस्की में छुपा सेहत का राज़, जानिए कितनी है फायदेमंद और कितनी है नुकसानदायक

INTERNATIONAL TEA DAY: चाय हमारे जीवन का अहम हिस्सा है, लेकिन सीमित मात्रा में ही लाभकारी होती है. अधिक सेवन से एसिडिटी, अनिद्रा, आयरन की कमी और हड्डियों पर असर पड़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर जानिए चाय के फायदे, नुकसान और विशेषज्ञों की अहम सलाह.

By Abhishek Singh | May 21, 2025 5:51 PM
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INTERNATIONAL TEA DAY: चाय प्रेमियों का दिन हर साल 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन न केवल चाय पीने वालों के लिए खास होता है, बल्कि यह उन किसानों और मजदूरों को भी सम्मान देने का दिन है जो कठिन परिश्रम से चाय की पत्तियों की खेती, तोड़ाई और प्रसंस्करण करते हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2019 में घोषित किए गए इस दिवस का उद्देश्य है चाय उद्योग से जुड़े लोगों की स्थिति में सुधार लाना और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना.

भारत और चाय: एक अटूट रिश्ता

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है और यहां चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा एक हिस्सा है. सुबह की शुरुआत हो, दफ्तर में ब्रेक हो, मेहमान नवाज़ी हो या शाम की थकान, हर मौके पर चाय की चुस्की जरूरी मानी जाती है. असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि जैसी जगहों की चाय दुनियाभर में प्रसिद्ध है.

चाय के बदलते रूप: स्वाद से सेहत तक

आज के समय में चाय के पारंपरिक स्वरूप से आगे बढ़ते हुए अनेक प्रकार देखने को मिलते हैं—जैसे ग्रीन टी, हर्बल टी, ब्लैक टी, व्हाइट टी, मसाला चाय, लेमन टी आदि. जहां एक ओर ये चाय स्वाद के अलग-अलग विकल्प प्रदान करती हैं, वहीं दूसरी ओर इनमें कुछ स्वास्थ्यवर्धक गुण भी होते हैं:

ग्रीन टी: एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, जो वजन घटाने, त्वचा सुधारने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में सहायक मानी जाती है.

हर्बल टी: तुलसी, अदरक, दालचीनी, पुदीना आदि से बनी यह चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है.

ब्लैक टी: यह कैफीन युक्त होती है और जागरूकता तथा ऊर्जा देने में मदद करती है.

व्हाइट टी: यह सबसे कम प्रोसेस्ड चाय होती है और इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं.

चाय की लोकप्रियता के पीछे का विज्ञान

चाय में मौजूद कैफीन और थीनाइन जैसे तत्व मस्तिष्क को स्फूर्ति देते हैं. ये तत्व अलर्टनेस बढ़ाते हैं और थकान दूर करने में मदद करते हैं. यही कारण है कि लंबे समय से चाय को मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति देने वाले पेय के रूप में देखा जाता रहा है.

स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव: चिकित्सकों की चेतावनी

हालांकि चाय के अनेक फायदे हैं, लेकिन चिकित्सक आगाह करते हैं कि यदि चाय का सेवन आवश्यकता से अधिक किया जाए, तो यह शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में 2 से 3 कप चाय तक सीमित रहना बेहतर होता है. अधिक मात्रा में चाय पीने से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

गैस और एसिडिटी की समस्या: चाय में मौजूद टैनिन्स पेट में अम्ल बढ़ा सकते हैं.

नींद में खलल: अत्यधिक कैफीन नींद के चक्र को बाधित करता है और अनिद्रा का कारण बन सकता है.

हड्डियों की कमजोरी: ज्यादा चाय पीने से कैल्शियम का अवशोषण घट सकता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं.

आयरन की कमी: चाय आयरन के अवशोषण में बाधा डालती है, जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है.

डिहाइड्रेशन: बार-बार चाय पीने से शरीर से तरल पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है.

खाली पेट चाय पीना है नुकसानदायक

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सुबह उठते ही खाली पेट चाय नहीं पीनी चाहिए. इससे पेट की आंतरिक परत पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. बेहतर होगा कि सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पिया जाए और फिर हल्के नाश्ते के बाद ही चाय ली जाए.

कैसे बनाएं चाय को स्वास्थ्यवर्धक?

चाय में चीनी की मात्रा कम करें या उसकी जगह शहद का उपयोग करें.

दिन में 2–3 कप से अधिक न पिएं.

भोजन के तुरंत बाद चाय पीने से बचें, कम से कम 30 मिनट का अंतर रखें.

ग्रीन टी या हर्बल चाय को दिनचर्या में शामिल करें.

अत्यधिक गर्म चाय न पिएं, यह गले और आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है.

आर्थिक और सामाजिक पक्ष भी महत्वपूर्ण

भारत में चाय उद्योग लाखों लोगों को रोज़गार प्रदान करता है, विशेषकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में. चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए यह दिन एक वैश्विक प्रयास की याद दिलाता है. साथ ही, चाय का निर्यात भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है.

चाय – स्वाद, सुकून और सावधानी का संगम

चाय निस्संदेह एक ऐसा पेय है जो थकान मिटाता है, बातचीत को शुरू करता है और समाज को जोड़ता है. लेकिन इसके अंधाधुंध सेवन से बचना जरूरी है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि कैसे हम अपने स्वास्थ्य, पर्यावरण और श्रमिकों की भलाई के साथ संतुलन बना सकते हैं. तो अगली बार जब आप चाय की चुस्की लें, तो सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सतर्कता को भी ध्यान में रखें.

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