शहीदों के वंशजों का प्रेरणादायी संबोधन
समापन समारोह में अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह के प्रपौत्र प्रियांशु ठाकुर, शहीद-ए-वतन अशफाक उल्लाह खां के वंशज शादाब उल्ला खां, सरदार जसवीर सिंह और डॉ. रिफाकत हुसैन ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि काकोरी के नायकों का बलिदान सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र के नव निर्माण की प्रेरणा भी है.
शताब्दी स्तंभ की होगी स्थापना
महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि यह शताब्दी वर्ष का चौथा आयोजन था, जिसे शाहजहांपुर में सफलतापूर्वक पूरा किया गया. उन्होंने बताया कि आगे यह कार्यक्रम बरेली, कानपुर, गोण्डा, प्रयागराज, वाराणसी, औरैया, मेरठ में आयोजित होगा और 7-9 अगस्त 2025 को लखनऊ में ऐतिहासिक व भव्य समापन किया जाएगा. कार्यक्रम में डॉ. शाह आलम राना ने जोर देते हुए कहा कि काकोरी क्रांतिकारियों के स्थलों की पवित्र मिट्टी एकत्र कर, महुआ डाबर (बस्ती) में शताब्दी स्तंभ स्थापित किया जाएगा। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता आंदोलन के महत्व से जोड़ने का कार्य करेगा.
इतिहास प्रेमियों और शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण आयोजन
इस प्रदर्शनी में इतिहासकारों, छात्रों और शोधकर्ताओं के अलावा रफी खान, नासिर हुसैन, विवेक कुमार, आदिल हुसैन समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उन्होंने इस प्रयास को नई पीढ़ी के लिए एक अमूल्य धरोहर बताया और आयोजन समिति को बधाई दी.