तीन महीने पहले गांव से लाकर शहर में पढ़ाई के लिए रखा था बेटी को
पीड़ित पिता पेशे से ठेकेदार हैं और रावतपुर क्षेत्र में रहते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया था. तब से बेटा-बेटी अपने बाबा के पास गांव में रहते थे. लेकिन बेटी को उज्जवल भविष्य देने के लिए उन्होंने तीन महीने पहले गांव से शहर लाकर किराये के मकान में रहने का फैसला किया. बेटी काकादेव स्थित एक कोचिंग सेंटर में बैंकिंग परीक्षा की तैयारी कर रही थी और पढ़ाई के साथ-साथ घर का भी पूरा ध्यान रखती थी.
बुधवार को पिता जरूरी काम से बाहर गए थे, तभी आई बेटी की डरावनी कॉल
घटना वाले दिन पिता जरूरी काम से बाहर निकले हुए थे और बेटी घर पर अकेली थी. शाम करीब 6 बजे बेटी का फोन आया. वह घबराई हुई और रोती हुई थी. उसने कहा – “पापा मुझे बचा लो, मुझे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर कहीं ले जा रहे हैं.” बेटी की हालत इतनी खराब थी कि वह यह भी नहीं बता पाई कि किस दिशा में जा रही है या आसपास क्या है.
फोन स्विच ऑफ होने के बाद मची अफरातफरी, बेटी के साथ अनहोनी की आशंका
जैसे ही फोन कटा और स्विच ऑफ हुआ, पिता का दिल बैठ गया. उन्होंने तुरंत कई बार दोबारा कॉल करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल बंद मिला. इसके बाद उन्होंने रिश्तेदारों, पड़ोसियों, जानने वालों और बेटी की सहेलियों से संपर्क किया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. पूरे इलाके में बेटी की तलाश की गई, लेकिन जब कोई पता नहीं चला तो उन्होंने थक हारकर रावतपुर थाने में बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई.
पुलिस ने दर्ज किया मामला, मोबाइल लोकेशन से पता लगाने की कोशिश जारी
रावतपुर थाने के इंस्पेक्टर केके मिश्रा ने बताया कि लड़की के पिता की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. किशोरी ने जिस मोबाइल नंबर से अपने पिता को फोन किया था, उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है. पुलिस की टीमें आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं और संभावित रूटों पर जांच तेज कर दी गई है. जल्द ही आरोपी तक पहुंचने की उम्मीद है.