भक्तों के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान
हाथ ऊपर उठाकर हरि बोल के जयकारे और होठों पर मुस्कुराहट व आंखों में श्रद्धा भाव की चमक और शंखनाद के साथ 15 दिन बाद भगवान जगन्नाथ के पट खोल दिए गए. पट खोलते ही भक्तों के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया. श्वेत वस्त्र धारण किए और मोगरे के फूलों से सजे श्री जगन्नाथ भगवान के साथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के दर्शन को हर वक्त व्याकुल था. बीमारी से उठे श्री हरि के लिए आज हर भक्त अपनी-अपनी रसोई से पकवान पका कर लाया था.
श्री जगन्नाथ के लिए बने 56 प्रकार के चावल
बीमारी की वजह से 15 दिन से भगवान सिर्फ औषधी और फल का सेवन कर रहे थे. लेकिन उनके स्वस्थ होते ही मंदिर की रसोई में आज उनके लिए 56 प्रकार के चावल तैयार किए गए. जिसमें गुड़ के चावल, गन्ने के रस में पके चावल, चीनी के चावल, फीके चावल, नमकीन चावल व अन्य कई तरह के चावल थे. जिनका भोग श्री जगन्नाथ जी को लगाया गया. और इसके साथ भक्तजन भी अपनी अपनी रसोई से ढोकले, कचौड़ी, पूरी, मठरी, पराठा और तरह-तरह की सब्जियां, रसगुल्ला, बर्फी आदि पकवान लेकर आए.
दो कुंतल फूलों से मंदिर परिसर को सजाया
श्री जगन्नाथ मंदिर में आज हुए नयन उत्सव के लिए भक्त पिछली रात से ही साज सज्जा में लगे हुए थे. पिछले एक सप्ताह से मंदिर में रंग रोगन का कार्य चल रहा था. रात भर मंदिर की सफाई कर दो कुंतल फूलों से मंदिर परिसर को सजाया गया. संध्या काल में सूरज की रोशनी मंद हुई तो हर तरफ झिलमिल रोशनी जगमगाने लगी. 15 दिन से भगवान जगन्नाथ के दर्शन को व्याकुल भक्त पल-पल का इंतजार करते नजर आए.
20 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी
20 जून को भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी. इस रथ का शुभारंभ बलकेश्वर महादेव मंदिर से होगा और कमला नगर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए रश्मि नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पर यात्रा विराम देगी. रथ यात्रा में सभी भक्तजन अपने हाथों से भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचेंगे. जिस रथ पर श्री जगन्नाथ भगवान विराजेंगे वह श्वेत अश्वो से सजा हुआ है. रथ पर कदंब, वैजयंती, मोगरा, मालती, आर्किड, एंथोरियम के पुष्पों से सजावट की जाएगी.