गुरूवार को उत्तर प्रदेश में वकीलों ने कार्य बहिष्कार जारी रखकर जिस प्रकार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, उसके बाद सरकार ने हड़ताल को समाप्त कराने की पहल की. उत्तर प्रदेश काउंसिल के चेयरमैन श्रीकिशोर गौड के नेतृत्व में काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से लोकभवन में मुलाकात की. करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत में हड़ताल को समाप्त करने का रास्ता निकाला गया. काउंसिल के सह अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल ने मीडिया को बताया कि सरकार ने हापुड़ के एएसपी को हटाने, सीईओ और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है. सरकार ने हापुड़ प्रकरण में वकीलों पर प्रदेश भर में दर्ज मुकदमे वापस लेने और एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया. सरकार के इस आश्वासन के बाद काउंसिल ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है.
उत्तर प्रदेश काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से हुई इस मुलाकात के दौरान सरकार की ओर से पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, डीजी स्पेशल कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और प्रमुख सचिव विधायी जेपी सिंह भी मौजूद रहे थे. वहीं काउंसिल के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय सहित काउंसिल के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. वकीलों की हड़ताल 19 दिन बाद समाप्त हुई है. 28 अगस्त को हापुड़ में वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इसके विरोध में 29 अगस्त से प्रदेश भर में वकीलों ने कार्य का बहिष्कार कर रखा था.
हड़ताल खत्म होने के बाद हापुड़ में वकीलों पर पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ गुरुवार को पूरे प्रदेश में वकीलों का प्रदर्शन जारी रहा. कई जिलों में सरकार का पुतला भी फूंका.लखनऊ में वकीलों ने सभा का आयोजन किया और इसके बाद हजरतगंज की ओर बढ़ चले, जहां पुलिसकर्मियों से टकराव हुआ.