प्रयागराज के एक हॉस्पिटल में पढ़ाया गया था पेपर
अमित सिंह ने एसटीएफ (UP STF) को पूछताछ में बताया कि उसने राजीव नयन को टीजीटी परीक्षा 202-21 का पेपर पढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये दिए थे. इसके बाद से ही वो लोग संपर्क में थे. राजीव नयन ने बताया था कि सभी अभ्यर्थियों को लखनऊ और प्रयागराज में पेपर का उत्तर बताया जाएगा. राजीव ने अपने प्रयागराज स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में पेपर पढ़वाया था. इस मामले में डॉ. शरद सिंह ने उसकी मदद की थी. जो इस समय एसटीएफ की गिरफ्त में है. वो जनवरी 2023 में सीटेट परीक्षा का पेपर आउट कराने के मामले में मेरठ से जेल भेजा जा चुका है.
रीवा के रिसार्ट में पुलिस भर्ती पेपर पढ़ाया गया
अमित सिंह ने बताया कि डॉ. शरद सिंह से परीक्षा के पेपर के बदले 15 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी देना तय हुआ था. इसमें पहले दो लाख रुपये और काम होने के बाद बाकी की रकम देनी थी. अमित ये भी बताया कि डॉ. शरद ने अपनी कार व अन्य गाड़ियों में लगभग दो घंटे तक अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया था. यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में भी अमित सिंह ने 40 अभ्यर्थियों की व्यवस्था की थी. इन अभ्यर्थियों को बस में भरकर रीवा ले जाया गया था. 16 अप्रैल को शिव शक्ति रिसार्ट में सभी अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया गया था. रीवा रिसार्ट में राजीव नयन, कामेश्वर मौर्य, पुष्कर पांडेय सहित कई अन्य लोग भी थी. अमित ने राजीव नयन को उसी दिन पांच लाख रुपये भी अपने चचेरी भाई के खाते से ट्रांसफर कराए थे. एसटीएफ ने इसकी भी पुष्टि कर ली है.
10 लाख से अधिक युवाओं ने दी थी परीक्षा
11 फरवरी 2024 को आयोजित यूपीपीएससी (UPPSC) की परीक्षा में समीक्षा अधिकारी के 334 और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO ARO) के 77 पदों के लिए 1076004 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे. 58 जिलों में परीक्षा का आयोजन किया गया था. पेपर लीक होने के बाद 02 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी गई थी.