Home Badi Khabar ट्रांसफर के बाद रिलीव न करने से नाराज टीचरों ने लखनऊ में डेरा डाला,मांग पूरी कराने को शिक्षा भवन के बाहर अड़े

ट्रांसफर के बाद रिलीव न करने से नाराज टीचरों ने लखनऊ में डेरा डाला,मांग पूरी कराने को शिक्षा भवन के बाहर अड़े

0
ट्रांसफर के बाद रिलीव न करने से नाराज टीचरों ने लखनऊ में डेरा डाला,मांग पूरी कराने को शिक्षा भवन के बाहर अड़े

लखनऊ. गृह अथवा पंसदीदा जिला में तबादला होने के बाद भी रिलीव न किए जाने से नाराज शिक्षकों ने सोमवार को लखनऊ पहुंचकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित होने वाले यह शिक्षक शिक्षक एक जुलाई को तबादला आदेश पर रोक लगाने वाले बेसिक शिक्षा सचिव के आदेश को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. स्थानांतरित जिला के लिए तत्काल कार्यमुक्त करने की जिद पर अड़े हैं. आंदोलन करने वाले शिक्षकों में अधिकांश महिलाएं हैं. सैकड़ों किमी दूर से चलेकर लखनऊ पहुंचे शिक्षक निशातगंज स्थित राज्य परियोजना निदेशालय के गेट के बाहर धरना पर बैठ गए. अपनी मांग पूरी कराने के लिए खूब नारेबाजी की. शिक्षकों की संख्या और उनके तेवर को भांपकर बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी चुपचाप आंदोलन पर नजर रखे रहे.

हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक- शिक्षिकाओं का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करने के लिए आदेश जारी किया गया है. जिसके बाद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रथम सूची जारी कर दी गई है. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में शामिल ऐसे शिक्षक भी हैं, जो 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित हुए हैं और उन्होंने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है.उनका स्थानांतरण भी हो गया है. तीन जुलाई तक सभी स्थानांतरित शिक्षकों को रिलीव किया जाना था लेकिन एक जुलाई को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने राज्यभर के बेसिक शिक्षा अधिकारी को महेंद्र पाल एवं अन्य बनाम (13156/2020) याचिका का हवाला देते हुए आदेश जारी कर दिया.

रिलीविंग पर रोक से हजारों का नुकसान
ट्रांसफर के बाद रिलीव न करने से नाराज टीचरों ने लखनऊ में डेरा डाला,मांग पूरी कराने को शिक्षा भवन के बाहर अड़े 4

सचिव ने अपने आदेश में 69000 शिक्षक भर्ती वाले शिक्षक एवं शिक्षिका को कार्यमुक्त करने पर रोक लगाने के निर्देश थे. सचिव का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर चयन सूची को रिवाइज किया जायेगा तो चयनित शिक्षकों के जनपद आवंटन में परिवर्तन होने की संभावना है. शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षकों की चयन सूची एक जून 20 को जारी की थी. शिक्षकों ने अधिकारियों को यहां तक आर्थिक गणित भी समझा दिया है कि कार्यमुक्त न होने से उनको कितने हजार रुपये का नुकसान हो रहा है. एक शिक्षकं का कहना था कि “69000 शिक्षकों का ट्रांसफर रोकना कहीं न कहीं भेदभाव जैसा है . सरकार से निवेदन है कि एफिडेविट लेकर कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया अतिशीघ्र पूर्ण कर ली जाए .”

Also Read: शिक्षकों को देख DG पहले तो गुस्साए फिर फटकारा,अंत में समस्या दूर करने का आश्वासन, फर्जी वालों की लिस्ट वायरल चयनित शिक्षकों की वर्तमान सूची ही संशोधित होगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षकों की भर्ती की थी. इस भर्ती में जिला आवंटन में विसंगति हो गई थी. हाईमेरिट वालों को दूर दराज का जिला आवंटित हुआ था. वहीं उनसे कम मेरिट वाले शिक्षकों को गृह जिला या पसंदीदा जिला में तैनाती मिल गई थी. इसी विसंगति को लेकर कुछ शिक्षक हाइकोर्ट चले गए थे. हाई कोर्ट के एक आदेश याचियों को उनके मांग वाले जिला में भेज दिया गया था. इसके बाद अन्य याचिका दाखिल हो गई. बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि वह वर्तमान में चयनित शिक्षकों की सूची को ही संशोधित करे. नई सूची जारी करने पर उसने रोक लगा दी.

दस जुलाई को अवकाश पर रहने वाले शिक्षकों की सूची मांगी
ट्रांसफर के बाद रिलीव न करने से नाराज टीचरों ने लखनऊ में डेरा डाला,मांग पूरी कराने को शिक्षा भवन के बाहर अड़े 5

बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल ने राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर 10 जुलाई को अवकाश पर रहने वाले शिक्षकों का ब्यौरा देने के निर्देश दिए गए हैं. सचिव ने पूछा कि शिक्षक के अवकाश का प्रकार क्या है तथा उसने अवकाश लेने का कारण क्या बताया है.

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version