Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ के बाद गंगा कितनी साफ? 500 गंगा सेवादूतों ने बदल दी तस्वीर

Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ में पर्यावरण और मां गंगा की स्वच्छता के लिए 45 दिनों तक अभियान चला. नमामि गंगे की ओर से महाकुम्भ में 500 गंगा सेवा दूत उतारे गए. दो हजार से ज्यादा जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच के लोग अभियान में जुटे.

By Amitabh Kumar | March 11, 2025 8:49 AM
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Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ में पर्यावरण और मां गंगा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नमामि गंगे के तहत 45 दिनों तक अभियान चलाया गया. इसमें 500 गंगा सेवादूतों के साथ दो हजार से ज्यादा जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच के लोग अभियान में जुटे. महाकुम्भ में गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया गया. इसी के साथ स्वच्छ गंगा मिशन के तहत डिजिटल तरीके से देश-विदेश से आए लोगों को मां गंगा की जानकारी भी दी गई.

गंगा के प्रति लोगों को जागरूक किया गया

जिला परियोजना अधिकारी एशा सिंह ने बताया कि पर्यावरण और मां गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक, संगोष्ठी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की रैलियां निकाली गईं. इनका उद्देश्य देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करना था. इस दौरान स्वच्छता और हरित महाकुम्भ का संदेश दिया गया. नमामि गंगे प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई गई. इसमें देश-विदेश से आए लोगों को गंगा और पर्यावरण के बारे में जानकारी दी गई.

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इसके अलावा स्लोगन के माध्यम से संगम की रेत पर श्रद्धालुओं को गंगा स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया. त्रिवेणी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए स्वच्छता श्रमदान अभियान चलाया गया. इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को नदी में प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा आदि न फेंकने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

अभियान चलाकर किया गया जागरूक

त्रिवेणी की स्वच्छता और महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही गंगा किनारे किले घाट और संगम पर व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत घाटों से कूड़ा एकत्र किया गया. इसके साथ ही जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के आयोजन में जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, एनडीआरएफ, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच, नगर निगम, सिफरी, भारतीय वन्य जीव संस्थान का सहयोग रहा.

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