Mathura Shri Krishna Janmbhoomi-Shahi Eidgah Controversy: शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिन्दू पक्ष को हाई कोर्ट से झटका लगा है. इलहाबाद हाई कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की मांग को खारिज कर दिया है. दरअसल, हिन्दू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढ़ांचा घोषित करने की अर्जी लगाई थी.
2 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़े विवाद की सुनवाई जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच कर रही है. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 अगस्त 2025 तय की है.
शाही ईदगाह को नहीं घोषित किया जा सकता विवादित- हाई कोर्ट
कोर्ट ने फिलहाल स्पष्ट कर दिया है कि उपलब्ध तथ्यों और याचिका के आधार पर शाही ईदगाह मस्जिद को अभी विवादित ढांचे को घोषित नहीं किया जा सकता. दूसरी ओर, हिंदू पक्ष की तरफ से यह दावा किया गया है कि शाही ईदगाह का निर्माण भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर बने प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था. अब सभी की नजरें 2 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं.
5 मार्च को हाई कोर्ट में दिया गया था प्रार्थना पत्र
हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि 5 मार्च 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, जिसमें मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की गई थी. इस याचिका पर 23 मई को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो गई थीं, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
हिन्दू पक्ष का दावा मस्जिद से पहले मौजूद था मंदिर
हिंदू पक्ष का कहना है कि उन्होंने अदालत में यह स्पष्ट किया था कि जिस स्थान पर वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है, वहां पहले प्राचीन मंदिर मौजूद था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अभी तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सका है कि वहां कभी मस्जिद थी. ऐसे में उस स्थान को मस्जिद मानना उचित नहीं है और उसे विवादित ढांचे के रूप में घोषित किया जाना चाहिए.
13.37 एकड़ भूमि को लेकर चल रहा विवाद
दरअसल, मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर सालों से विवाद चल रहा है. इस जमीन पर एक ओर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर है तो दूसरी ओर शाही ईदगाह मस्जिद. जानकारी के अनुसार, इस पूरी जमीन में से लगभग 11 एकड़ क्षेत्रफल पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित है, जबकि बाकी हिस्से पर शाही ईदगाह मस्जिद होने का दावा किया जाता है.
औरंगजेब ने ध्वस्त किया मंदिर
हिंदू पक्ष का कहना है कि यह पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है. उनका आरोप है कि साल 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने वहां मौजूद प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर उसके स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. वहीं, मुस्लिम पक्ष लगातार इस दावे को नकारता आ रहा है.
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