Sambhal Mosque : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को संभल स्थित जामा मस्जिद परिसर की साफ सफाई करने का निर्देश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने एएसआई को तीन अधिकारियों की टीम गठित कर संभल स्थित जामा मस्जिद का तत्काल निरीक्षण करने और शुक्रवार सुबह 10 बजे तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान 27 फरवरी को कोर्ट ने कहा था, ‘‘रिपोर्ट में यह जानकारी दी जाएगी कि क्या परिसर के भीतर पुताई और मरम्मत की जरूरत है या नहीं. रमजान शुरू होने से पूर्व किए जाने वाले कार्य के लिए एएसआई एक वीडियोग्राफी भी कराएगा.’’
मस्जिद कमेटी हिंदू मंदिर के प्रतीक और चिह्नों को बिगाड़ देगी
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जामा मस्जिद की पुताई और सफाई की अनुमति मांगने वाली एक याचिका पर यह आदेश पारित किया. गुरुवार को जब मामले में सुनवाई शुरू हुई, प्रतिवादी पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने इस याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि इस याचिका की आड़ में मस्जिद कमेटी हिंदू मंदिर के प्रतीक और चिह्नों को बिगाड़ देगी. वहीं दूसरी ओर, एएसआई को इस स्थल के रखरखाव की अनुमति है.
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संभल विवाद क्या है?
हरि शंकर जैन और अन्य लोगों ने 19 नवंबर को संभल के जिला एवं सत्र न्यायालय के सिविल जज की अदालत में एक याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि संभल में 16वीं सदी की जामा मस्जिद एक प्राचीन हरि हर मंदिर के स्थान पर बनाई गई थी. यह दावा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और उत्तर प्रदेश में ईदगाह मस्जिद मथुरा और मध्य प्रदेश में धार में कमाल-मौला मस्जिद के मामले में किए गए दावों जैसा ही था. श्री जैन वाराणसी, मथुरा और धार मामलों में भी याचिकाकर्ता हैं.