UP ISI AGENT: उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने हाल ही में मुरादाबाद से एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने व्यापार की आड़ में देश से गद्दारी की. यह युवक कपड़े और अन्य वस्तुओं का पाकिस्तान के साथ व्यापार करता था, लेकिन इस काम के पीछे एक खतरनाक साजिश छिपी थी. जांच में सामने आया है कि यह युवक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए भारत में जासूसी कर रहा था.
आरोपी की पहचान: रामपुर का रहने वाला शहजाद
गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान शहजाद के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का रहने वाला है. वह पिछले कुछ वर्षों से मुरादाबाद में रहकर पाकिस्तान से कपड़ों, मसालों, कॉस्मेटिक्स और अन्य वस्तुओं का व्यापार कर रहा था. इसी दौरान उसका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से हुआ और वह उनकी बातों में आकर भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान भेजने लगा.
डिजिटल प्लेटफॉर्म बना जासूसी का माध्यम
शहजाद द्वारा पाकिस्तान को सूचनाएं भेजने का तरीका भी काफी हाई-टेक था. उसने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर जासूसी को अंजाम दिया. एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, शहजाद व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए ISI के एजेंटों को सेना की तैनाती, सुरक्षा संस्थानों और संवेदनशील जगहों की तस्वीरें व जानकारियां भेजता था.
पैसों और लालच में बदल दी वफादारी
पूछताछ में सामने आया है कि शहजाद को ISI की ओर से इसके बदले मोटी रकम दी जाती थी. हर जानकारी के बदले उसे पैसे ट्रांसफर किए जाते थे. शहजाद ने कबूल किया कि शुरुआत में वह सिर्फ व्यापार के लिए पाकिस्तान गया था, लेकिन बाद में लालच और विदेश यात्रा के आकर्षण ने उसे इस दलदल में धकेल दिया.
एटीएस की सतर्कता से हुआ पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश एटीएस को लंबे समय से शहजाद की गतिविधियों पर संदेह था. तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया तंत्र (HUMINT) की मदद से एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी. जैसे ही पुख्ता सबूत मिले, टीम ने उसे मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान उसके मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं जिनकी फॉरेंसिक जांच जारी है.
शुरुआती पूछताछ में कई बड़े खुलासे
शुरुआती पूछताछ में शहजाद ने कबूल किया है कि वह पिछले दो सालों से ISI के संपर्क में था. वह पाकिस्तान के कई एजेंटों से व्यक्तिगत रूप से मिल चुका है और उन्हें भारत की कई महत्वपूर्ण सैन्य गतिविधियों की जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, वह सीमावर्ती इलाकों में भारतीय सेना की मूवमेंट से जुड़ी जानकारी भी साझा करता था.
अन्य संदिग्ध एजेंटों की तलाश
शहजाद की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसके संपर्क में और कौन-कौन लोग हैं. यह आशंका जताई जा रही है कि ISI ने भारत में एक नेटवर्क खड़ा किया है, जिसमें शहजाद जैसे कई एजेंट शामिल हो सकते हैं. एजेंसियां अब उसके कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया चैट्स और बैंक ट्रांजेक्शन्स की गहराई से जांच कर रही हैं.
देश की सुरक्षा पर बड़ा खतरा टला
इस गिरफ्तारी से देश की सुरक्षा को एक बड़ा खतरा टल गया है. अगर समय रहते शहजाद को नहीं पकड़ा जाता, तो वह और भी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान पहुंचा सकता था. यूपी एटीएस ने अपनी सक्रियता और सतर्कता से एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है.
शहजाद की गिरफ्तारी इस बात की चेतावनी है कि दुश्मन ताकतें अब सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि देश के भीतर भी अपना नेटवर्क फैलाने की कोशिश में हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, साथ ही नागरिकों को भी सजग रहने की आवश्यकता है.
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