बिजली कटौती और फॉल्ट बने सोशल मीडिया पर मुद्दा
नोएडा से लेकर गाजीपुर तक बिजली कटौती और फॉल्ट के मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर विभाग की जमकर आलोचना हुई है. कई जगहों पर शिकायतों की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं, जिससे एके शर्मा और उनका विभाग लगातार सवालों के घेरे में रहा है.
“बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है” – मंत्री का तीखा तंज
बैठक में एके शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग कोई मुनाफाखोर संस्था नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है. उन्होंने गलत बिलिंग, अनावश्यक एफआईआर और फर्जी रिपोर्टों पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने सवाल किया “जिन लोगों ने समय पर बिल भरा, जब पूरे गांव की बिजली काट दी जाती है तो उनकी गलती क्या है?”
“मुझे बदनाम करने की सुपारी ली है क्या?”
मंत्री ने एक आम आदमी को 72 करोड़ रुपये का बिल भेजे जाने का उदाहरण देते हुए इसे विभाग की गंभीर लापरवाही बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि विभाग उन्हें बदनाम करने की सुपारी लेकर बैठा है. उन्होंने भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी “अब ये सब नहीं चलेगा, जो अधिकारी फील्ड में नहीं जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.”
जनता के प्रति जवाबदेही तय: भरोसेमंद बिजली सेवा सरकार की प्राथमिकता
एके शर्मा ने साफ कहा कि जनता के प्रति जवाबदेही उनकी प्राथमिकता है. बिजली सेवा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में विश्वसनीय व गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.