UP News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कई अहम दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत एक-एक दुधारू गाय प्रदान की जाए. इससे न केवल इन परिवारों को दूध के जरिए पोषण मिलेगा, बल्कि गोसेवा का पुण्य भी मिलेगा.
गाय के गोबर से पेंट होगा सरकारी भवन
दरअसल, रविवार को पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई थी. इसी बैठ में सीएम योगी (CM Yogi) ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उचित कदम उठाएं. इसके अलावा, गोबर से बनाए गए प्राकृतिक पेंट का सरकारी भवनों में इस्तेमाल किया जाए. इसके लिए इस तरह के पेंट तैयार करने वाले प्लांटों की संख्याओं में इजाफा किया जाए.
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जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा: #UPCM @myogiadityanath
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 4, 2025
देशी नस्ल की गायों के बीच कराई जाएगी प्रतियोगिता
सीएम योगी ने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि मंडल स्तर पर देशी नस्ल की गायों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाए. जिसके बाद बेहतर कार्य कर रहे गो आश्रय स्थलों की पहचान कर उन्हें सम्मानित किया जाए. इसी तरह गौ आधारित उत्पाद तैयार करने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित कराए जाने की बात कही. बैठक में सीएम योगी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में लगभग 11.49 लाख गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है. इन स्थलों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के जरिए की जा रही है और नियमित निरीक्षण भी हो रहा है.
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आश्रय स्थलों में केयर टेकर की कराई जाए व्यवस्था
योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यह भी दिशानिर्देश दिया है कि गो आश्रय स्थलों में केयर टेकर की नियुक्ति सुनिश्चित की जाने की आवश्यकता है. ऐसे में उन्हें समय पर वेतन का भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. इसके अलावा, भूसा बैंक की स्थापना हो और पशुओं के लिए पानी, हरा चारा तथा चोकर की पर्याप्त व्यवस्था भी कराई जाए. साथ ही आश्रय स्थलों में पशुओं की सेहत की निगरानी के लिए समय-समय पर पशु चिकित्सकों की जांच कराई जानी चाहिए.
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