उप्र जमीयत की बैठक में बड़ा फैसला: वक्फ कानून के बाद मदरसों और मस्जिदों की सुरक्षा पर होगा जोर

UP NEWS: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) उत्तर प्रदेश इकाई की कार्यकारिणी समिति की बैठक बृहस्पतिवार को लखनऊ में होगी. बैठक में वक्फ संशोधन कानून के प्रभाव, मदरसों और मस्जिदों की सुरक्षा, नेपाल सीमा से सटे जिलों में सरकारी कार्रवाई और संगठन विस्तार पर चर्चा की जाएगी.

By Abhishek Singh | May 21, 2025 7:55 PM
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UP NEWS: प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) की उत्तर प्रदेश इकाई की कार्यकारिणी समिति की महत्वपूर्ण बैठक आगामी बृहस्पतिवार को लखनऊ में आयोजित की जाएगी. इस बैठक में वक्फ संशोधन कानून के पारित होने के बाद उत्पन्न स्थिति और नेपाल सीमा से सटे जिलों में मदरसों तथा मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर राज्य सरकार की कार्रवाई सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा.

वक्फ संशोधन कानून से उत्पन्न हालात पर चर्चा

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की उत्तर प्रदेश इकाई के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद पूरे देश में विशेषकर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम धार्मिक संस्थानों के सामने चुनौतियां आई हैं. इसी संदर्भ में इस बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. बैठक में इस विधेयक से जुड़े कानूनी पहलुओं, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन एवं संरक्षण के विषय पर गहन विचार होगा.

नेपाल सीमा क्षेत्र में सरकारी कार्रवाई को लेकर चिंता

मौलाना काब रशीदी ने बताया कि नेपाल सीमा से सटे कई जिलों में मदरसों, मस्जिदों और मजारों के खिलाफ सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाइयों को भी इस बैठक में मुख्य विषय बनाया जाएगा. इस क्षेत्र में धार्मिक स्थलों पर सरकारी कार्रवाइयों के चलते स्थानीय मुस्लिम समुदाय में असंतोष व्याप्त है. जमीयत इस मामले पर भी विस्तृत रणनीति बनाने और सभी पक्षों से संवाद स्थापित करने के लिए चर्चा करेगी.

बैठक में शामिल होंगे विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि

उत्तर प्रदेश में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) के विभिन्न जिला इकाइयों के प्रतिनिधि लखनऊ स्थित संगठन कार्यालय में आयोजित इस बैठक में शामिल होंगे. यह बैठक संगठन के विभिन्न स्तरों के नेतृत्व को एक साथ लाने का अवसर होगी, जिससे संगठन की सामूहिक सोच और एकजुटता को मजबूत किया जा सके.

मदरसों और मस्जिदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय

मौलाना काब रशीदी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद धार्मिक स्थलों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर संगठन के अंदर व्यापक चिंता उत्पन्न हुई है. बैठक में मदरसों, मस्जिदों तथा अन्य धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने पर भी विचार किया जाएगा. इससे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के साथ-साथ समुदाय में शांति और सौहार्द बनाए रखने में भी मदद मिलेगी.

प्रदेश में संगठन विस्तार और समितियों के कार्यों की समीक्षा

बैठक में न केवल वर्तमान चुनौतियों पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश में जमीयत के संगठनात्मक विस्तार के लिए प्रभावी रणनीतियों पर भी विमर्श होगा. इसके साथ ही संगठन की विभिन्न समितियों के कार्यों की समीक्षा कर उनकी कार्यप्रणाली को और मजबूत बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इससे संगठन की कार्यक्षमता में सुधार आएगा और वह सामाजिक-धार्मिक क्षेत्रों में बेहतर भूमिका निभा सकेगा.

उत्तर प्रदेश जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) की यह कार्यकारिणी समिति की बैठक न केवल वर्तमान समय की ज्वलंत समस्याओं को समझने और उनका समाधान खोजने का माध्यम बनेगी, बल्कि यह संगठन की एकजुटता और सामाजिक-सांस्कृतिक जिम्मेदारी को भी सुदृढ़ करेगी. धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, वक्फ संपत्तियों के संरक्षण, और सीमावर्ती जिलों में शांति बनाए रखने के मुद्दों पर यह बैठक निर्णायक भूमिका निभाएगी. इस बैठक की सफलता पूरे प्रदेश में मुस्लिम समाज के लिए नए मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और न्याय की भावना को भी बल प्रदान करेगी.

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UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

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