नागालैंड के शैक्षणिक अनुभव से सुधरेगी यूपी की शिक्षा, SCERT प्रतिनिधिमंडल ने किया पांच दिवसीय दौरा

UP News: राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), लखनऊ की एक टीम ने नागालैंड का पांच दिवसीय शैक्षिक दौरा किया. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने नागालैंड के प्रभावशाली शैक्षिक मॉडल, समुदाय की सक्रिय भागीदारी और नए तरीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और उनसे जुड़ी अहम जानकारियां जुटाई.

By Shashank Baranwal | May 5, 2025 1:58 PM
an image

UP News: उत्तर प्रदेश शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में नए कदम उठाए जा रहे हैं. इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), लखनऊ की एक टीम ने 26 से 30 अप्रैल 2025 तक नागालैंड का पांच दिवसीय शैक्षिक दौरा किया. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने नागालैंड के प्रभावशाली शैक्षिक मॉडल, समुदाय की सक्रिय भागीदारी और नए तरीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और उनसे जुड़ी अहम जानकारियां जुटाई. इस शैक्षणिक यात्रा से उत्तर प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) को भविष्य में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) के रूप में विकसित करने की दिशा में एक ठोस प्रेरणा मिल सकती है.

प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने में मिलेगी मदद

यह शैक्षणिक यात्रा उत्तर प्रदेश में चल रहे शिक्षा सुधार प्रयासों को एक नई दिशा प्रदान करने वाला साबित हो सकता है. SCERT लखनऊ अब इस दौरे से प्राप्त अनुभवों की समीक्षा करते हुए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने, शोध इकाइयों को मजबूत करने, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां शुरू करने और एक प्रभावी डिजिटल निगरानी डैशबोर्ड विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है. हालांकि, ये सभी पहले तात्कालिक नहीं होंगी, बल्कि एक चरणबद्ध और सुव्यवस्थित कार्ययोजना के तहत धीरे-धीरे अमल में लाई जाएगी.

यह भी पढ़ें- Video: सिर्फ 10 मिनट और बिछा देंगे लाशें… किसान नेता के बिगड़े बोल, देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- धर्म संसद में पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, हिन्दू राष्ट्र सहित 7 प्रस्ताव पारित

प्रतिनिधिमंडल को मिले अहम दस्तावेज

प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड में सामुदायिक भागीदारी, प्रारंभिक बाल देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) मॉडल के साथ शोध व मूल्यांकन प्रणाली से जुड़े अनेक अहम दस्तावेज और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुए. इसके अलावा, देश का सबसे हरित गांव खोनोमा हेरिटेज विलेज सहित जखमा और चीचेमा के स्कूलों में जाकर उन्होंने महसूस किया कि वहां शिक्षा प्रणाली केवल संस्थानों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समुदाय की साझा जिम्मेदारी और सक्रिय भागीदारी पर आधारित है.

SCERT के निदेशक ने कही ये बातें

नागालैंड दौरे की कमान संभालने रहे SCERT लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा कि डायट्स में पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और समुदाय की भागीदारी को सशक्त बनाना अब समय की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी साझा किया कि नागालैंड में देखे गए छोटे-छोटे नवाचारों ने यह स्पष्ट किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद व्यापक बदलाव संभव हैं. डॉ. सचान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चल रहे शिक्षा सुधार अभियानों को इन अनुभवों के आधार पर और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में ठोस योजनाएं बनाई जा रही है.

बच्चों की योग्यताओं को बेहतर बनाने पर होगा जोर

नागालैंड दौरे से उत्तर प्रदेश को अनेक पहलुओं में सकारात्मक दिशा मिलने की संभावना है. सबसे पहले, शोध-आधारित नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे डायट्स अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुरूप नवाचार तैयार कर सकेंगे. दूसरा, नेतृत्व विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में प्रगति होगी, जिसके लिए विशेष रूप से तैयार किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल लागू किए जाएंगे. तीसरे, सामुदायिक सहभागिता को सशक्त करने की दिशा में पहल होगी, जिससे गाँव और स्कूल के बीच सहयोग को संस्थागत रूप दिया जाएगा. और आखिर में, बुनियादी साक्षरता और गणना (FLN) लक्ष्यों की पूर्ति हेतु प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों की मूलभूत दक्षताओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा.

ये अधिकारी रहे शामिल

SCERT लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान के नेतृत्व में किए गए इस दौरे में CoE डायट्स के प्राचार्य, परिषद के अन्य अधिकारी तथा Mantra4Change के सदस्य शामिल थे. इन्होंने न सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण किया, बल्कि गाँवों और विद्यालयों में जाकर जमीनी हकीकत का गहराई से अध्ययन भी किया.

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी भारतीय या ब्रिटिश नागरिक? हाई कोर्ट में आज केंद्र सरकार दाखिल करेगी जवाब

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version