फेस रिकॉग्निशन और ओटीपी आधारित दो-स्तरीय सत्यापन प्रणाली होगी लागू
बयान के अनुसार, यह योजना पूरी तरह तकनीक आधारित है. लाभार्थी की पहचान के लिए चेहरे की पहचान के साथ-साथ वन टाइम पासवर्ड (OTP) का प्रयोग किया जाएगा. FRS सिस्टम आधार से जुड़े ई-केवाईसी डेटा के साथ लाभार्थी की फोटो का मिलान करता है. इसके बाद ओटीपी लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है, जिसे आंगनवाड़ी केंद्र पर सत्यापित किया जाएगा. इससे फर्जीवाड़ा रुकने और राशन वितरण की निगरानी में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.
सीएम योगी ने दिए निर्देश: जुलाई तक हर जिले में हो सौ फीसदी कवरेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई 2025 तक प्रदेश के हर जिले में इस योजना को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान और लाभार्थी पंजीकरण की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जा रही है. सीएम के निर्देशों के अनुसार, योजना को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है, ताकि कोई पात्र लाभार्थी छूटे नहीं.
कानपुर में हुआ था पायलट प्रोजेक्ट, अब राज्यव्यापी विस्तार की तैयारी
FRS प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट अगस्त 2024 में कानपुर नगर के बिधनू और सरसौल प्रोजेक्ट्स में शुरू हुआ था. अब 13 जून 2025 तक, राज्यभर में 1.18 करोड़ पात्र लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. पोषण ट्रैकर से जुड़ने के बाद सरकार THR वितरण की निगरानी रियल टाइम कर पाएगी.
टेक्नोलॉजी से सशक्त होगी पोषण योजना, महिला-बाल विकास विभाग कर रहा निगरानी
महिला और बाल विकास विभाग इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में अहम भूमिका निभा रहा है. विभाग के अनुसार, फेस रिकॉग्निशन और OTP आधारित प्रमाणीकरण से योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी और लाभार्थियों को उनका हक बिना किसी रुकावट के मिलेगा. यह योजना कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकती है.