शिक्षा विभाग का नया फरमान, इतने दिन स्कूल नहीं गया बच्चा, तो हो जाएगा ड्रॉप आउट

UP School: सरकार ने छात्रों के ड्रॉप आउट की समस्या को कम करने के लिए कई अहम कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें अनुपस्थित छात्रों की पहचान, अभिभावकों की काउंसलिंग और विशेष कक्षाओं का संचालन शामिल है.

By Shashank Baranwal | May 16, 2025 12:57 PM
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UP School: परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए राज्य सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है. सरकार ने इस दिशा में कई अहम कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें अनुपस्थित छात्रों की पहचान, अभिभावकों की काउंसलिंग और विशेष कक्षाओं का संचालन शामिल है. दरअसल, सरकार की तरफ से 6-14 साल के बच्चों के आउट ऑफ स्कूल की परिभाषा में संशोधित किया गया है, जिसके तहत अब जो भी छात्र लगातार 30 दिन से क्लास नहीं कर रहा है, परीक्षा में 35 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं, तो उसे ड्रॉपआउट की श्रेणी में रखा जाएगा.

छात्रों से संपर्क करेंगे शिक्षक

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश के अनुसार, अगर कोई छात्र बिना बताए लगातार 3 दिन स्कूल नहीं आता है, तो शिक्षकों की एक टोली उसके घर जाकर संपर्क करेगी. अगर अनुपस्थिति 6 दिन से ज्यादा हो जाती है, तो प्रिंसिपल खुद छात्र के घर जाकर संपर्क करेंगे और उसके लौटने तक लगातार फॉलोअप किया जाएगा.

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चलाई जाएगी स्पेशल क्लासेस

लगातार स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले छात्रों की पढ़ाई में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए स्पेशल क्लासेस चलाई जाएंगी. साथ ही जिन छात्रों की अनुपस्थिति एक माह में 6 दिन, तिमाही में 10 दिन या छह महीने में 15 दिन से ज्यादा है, तो उनके पेरेंट्स की काउंसलिंग PTM के दौरान की जाएगी.

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास

अगर कोई छात्र 9 महीने में 21 दिन या पूरे शैक्षणिक सत्र में 30 दिन से अधिक स्कूल से गैरहाजिर रहता है, तो उसे ‘अति संभावित ड्रॉपआउट’ की श्रेणी में रखा जाएगा. ऐसे छात्रों को स्पेशल ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाएगी, खासकर तब जब वे परीक्षा में 35 फीसदी से कम अंक हासिल करेंगे. सरकार की तरफ से ड्रॉप आउट की समस्या से निपटने के लिए शुरू की गई एक गंभीर पहल मानी जा रही है. इससे छात्रों की शिक्षा में निरंतरता को बनाए रखने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के प्रदर्शन को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

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