UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है. उन्होंने सत्तारूढ़ दल बीजेपी से कहा कि वह शिक्षा और युवाओं को आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर रखे. सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा- दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें!
इसी पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा कि 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ (केशव प्रसाद मौर्य) का बयान भी साजिशाना है. पहले तो आरक्षण की हकमारी में खुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे. इसके बाद जब युवाओं ने उन्हीं के खिलाफ लड़कर लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गए.
दर्द देनेवाले, दवा देने का दावा न करें!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 18, 2024
69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ का बयान भी साज़िशाना है। पहले तो आरक्षण की हक़मारी में ख़ुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के ख़िलाफ़ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ़…
केशव प्रसाद मौर्य ने क्या कहा
केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया था. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों की जीत है, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. मैं उनका तहे दिल से स्वागत करता हूं.
अखिलेश यादव ने क्या कहा
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि दरअसल ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वे तो ऐसा करके बीजेपी के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि वे इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उंगली उठा रहे हैं, वे ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं. शिक्षा और युवाओं को बीजेपी अपनी आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर ही रखे क्योंकि बीजेपी की ऐसी ही सत्ता लोलुप सियासत के कारण उत्तर प्रदेश कई साल पीछे चला गया है.
क्या है मामला
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची व 6,800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं.
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