UP Today News: इटावा जिले में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहयोगी पर लगे छेड़खानी के आरोपों ने नया मोड़ ले लिया है. जिन पर पहले आरोप लगाए गए थे, अब वही पीड़ित के रूप में सामने आ रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद कथावाचक पर आरोप लगाने वाली महिला रेनू तिवारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. यह मामला अब एक साधारण छेड़छाड़ की शिकायत से बढ़कर सामाजिक तनाव का कारण बन चुका है.
आईटी एक्ट और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप
रेनू तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने यादव जाति को लेकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. पुलिस ने इसे सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक शांति को भंग करने की साजिश के रूप में देखा. इसी आधार पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196/299/352 बीएनएस के साथ-साथ 67 आईटी एक्ट के तहत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. यह कदम कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उठाया गया ताकि भविष्य में ऐसे घटनाक्रम को रोका जा सके.
इटावा पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर दी जानकारी
इटावा पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर औपचारिक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि रेनू तिवारी पत्नी जयप्रकाश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. पुलिस के अनुसार, उन्होंने जानबूझकर ऐसी भाषा और वीडियो का उपयोग किया जो एक खास जाति के खिलाफ थी. इससे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई थी. पुलिस ने समाज में फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है और लोगों से अपील की है कि अफवाहों से दूर रहें.
11 अराजक तत्व भेजे गए जेल, 8 मुकदमे दर्ज
इटावा पुलिस ने इस मामले से जुड़ी सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए अब तक 11 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो इस मुद्दे को लेकर भ्रामक, भड़काऊ और जाति विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे थे. इन सभी को जेल भेज दिया गया है. इसके अलावा, पुलिस ने इस पूरे प्रकरण से जुड़ी ऑनलाइन गतिविधियों के आधार पर 8 मुकदमे भी दर्ज किए हैं. पुलिस की कार्रवाई बताती है कि इस मामले को लेकर प्रशासन बेहद सख्त है और कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
वायरल वीडियो पर रेनू तिवारी ने दी सफाई
रेनू तिवारी का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें वह यादव समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करती हुई दिख रही हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में शेयर किया गया और देखते ही देखते वायरल हो गया. इस वीडियो के बाद समाजवादी पार्टी सहित कई संगठनों ने विरोध दर्ज कराया और महिला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. हालांकि, रेनू तिवारी का कहना है कि यह वीडियो एडिट किया गया है और उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके. लेकिन पुलिस ने वीडियो की प्रारंभिक जांच के बाद इसे आधार बनाकर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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