UP WOMEN CARE: अब साइबर अपराध की शिकार महिलाओं, बुजुर्गों और छात्राओं को थाने जाने की जरूरत नहीं है. लखनऊ पुलिस की नई पहल के तहत अब वे अपने नजदीकी पिंक बूथ पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. इस व्यवस्था के अंतर्गत शहर के 85 और ग्रामीण क्षेत्रों के 14 पिंक बूथों पर 133 पिंक बूथ ऑफिसर (साइबर एक्सपर्ट) की तैनाती की गई है.
गूगल मैप पर भी दिखेंगे पिंक बूथ
अब सभी पिंक बूथ गूगल मैप पर लाइव हैं. पीड़ित महिला या बुजुर्ग अपने नजदीकी पिंक बूथ की लोकेशन आसानी से सर्च कर सकते हैं और मैप उन्हें वहां तक पहुंचने का रास्ता भी बताएगा. यह सुविधा विशेषकर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो तकनीक से परिचित नहीं हैं.
शिकायत दर्ज करना हुआ आसान और त्वरित
पिंक बूथ पर पहुंचने वाले पीड़ितों को वहीं पर कागज और पेन मुहैया कराया जाएगा. तैनात पिंक बूथ ऑफिसर को निर्देश दिया गया है कि वह साइबर फ्रॉड की शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर तत्काल दर्ज करें. आवश्यकता पड़ने पर संबंधित थाने को प्रार्थनापत्र भेजकर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी, जिसकी कॉपी पीड़ित को मौके पर दी जाएगी.
सोशल मीडिया पर बढ़ते अपराधों पर लगेगा अंकुश
सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग, अश्लील फोटो वायरल करना, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में महिलाएं अक्सर शिकायत दर्ज कराने में असहज महसूस करती थीं. पिंक बूथों के ज़रिए अब वे बिना किसी झिझक के खुलकर अपनी बात कह सकती हैं.
रात 11 बजे तक खुलेंगे 23 पिंक बूथ
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 23 पिंक बूथों को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक खुले रहने की व्यवस्था की गई है. इनमें शामिल हैं:
भूतनाथ मार्केट, मुंशी पुलिया चौराहा, पकरी पुल, चंदन नगर, आलमबाग बस अड्डा, पत्रकारपुरम चौराहा, पीजीआई गेट, वेव मॉल, रूमी गेट, मेडिकल कॉलेज, सतखंडा, अवध चौराहा, डालीगंज, हाईडिल चौराहा, अंसल स्क्वायर, स्कूटर इंडिया, चारबाग रेलवे स्टेशन, चारबाग बस स्टेशन, 1090 चौराहा, नेशनल पीजी कॉलेज, नीरा हॉस्पिटल, पुरनियां और अजीज नगर
आंकड़ों में पिंक बूथ व्यवस्था
कुल पिंक बूथ: 99, शहरी क्षेत्र: 85, ग्रामीण क्षेत्र: 14, संवेदनशील बूथ: 19, चार पहिया पिंक व्हीकल: 10 और दो पहिया पिंक स्कूटी: 100
एसीपी सौम्या पांडेय का बयान
एसीपी महिला अपराध सौम्या पांडेय ने कहा,“महिला सुरक्षा, समृद्धि की गारंटी है. लखनऊ पुलिस की यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. पिंक बूथों को मजबूत किया गया है, ताकि महिलाएं बिना झिझक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें.”
लखनऊ पुलिस की यह पहल न सिर्फ महिला सुरक्षा को नई दिशा देगी, बल्कि साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत कवच भी बनेगी. यह मॉडल अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है.
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