VIRAL NEWS: 24 मई 2025 की तारीख चीन के शेडोंग प्रांत में एक ऐसी घटना के रूप में दर्ज हो गई, जिसने न सिर्फ वहां के लोगों बल्कि पूरी दुनिया के दिलों को छू लिया. शेडोंग सिटी सर्विस टेक्नीशियन कॉलेज के 18 वर्षीय छात्र जियांग झाओपेंग ने अपने दोस्त की जान बचाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण और बेहद मेहनत की गई परीक्षा छोड़ दी. यह घटना दोस्ती, समर्पण और इंसानियत की सच्ची मिसाल बन गई है.
परीक्षा से ज्यादा अहम थी दोस्त की जान
जियांग और उनका दोस्त ‘स्प्रिंग गाओकाओ’ नामक परीक्षा के लिए जा रहे थे, जो चीन में उच्च शिक्षा की दुनिया में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. परीक्षा के लिए रास्ते में अचानक उनके दोस्त को दिल का दौरा पड़ा. इस आपातकालीन स्थिति में जियांग ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने दोस्त की जान बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए.
संकट में हिम्मत और फुर्ती का परिचय
जियांग ने अपने दोस्त को तुरंत CPR देना शुरू किया और टैक्सी ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा. रेड लाइट के बीच भी उन्होंने बिना रुके अस्पताल की ओर बढ़ते हुए महज सात मिनट में वहां पहुँच कर डॉक्टरों को सूचित किया। डॉक्टरों की त्वरित कार्रवाई से दोस्त की जान बच गई, लेकिन जियांग की परीक्षा छूट गई क्योंकि वे देर से पहुँचे.
परीक्षा फिर होगी, दोस्त की जान नहीं जियांग का भावुक बयान
जियांग ने मीडिया से कहा, “परीक्षा तो फिर हो सकती है, लेकिन दोस्त की जान एक बार ही बचाई जा सकती है. “इस भावुक बयान ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. लोग उनके साहस और दोस्ती के जज्बे को सलाम कर रहे हैं. इस घटना को 20 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है और कई लोगों ने जियांग को “जीवन में पूरे मार्क्स पाने वाला बहादुर युवक” बताया है.
यह कहानी सिर्फ दो दोस्तों के बीच के रिश्ते की नहीं है, बल्कि यह हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में इंसानियत और प्राथमिकता कितनी जरूरी होती है. कठिन समय में सही निर्णय लेना और अपने मूल्यों पर कायम रहना किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है.
सोशल मीडिया पर मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को अत्यंत सराहा. कई यूजर्स ने कमेंट किया कि जियांग जैसे लोग ही समाज में बदलाव ला सकते हैं. इस कहानी को देखकर लोगों ने अपनी ज़िंदगी के असली मायने समझे.
हमें क्या सीख मिलती है?
सच्चे दोस्त की पहचान: दोस्ती सिर्फ साथ घूमने-फिरने की नहीं, मुश्किल वक्त में भी साथ देने की होती है.
इंसानियत सर्वोपरि: जीवन में हमेशा इंसानियत को सबसे ऊपर रखना चाहिए.
हिम्मत और तत्परता: संकट में तुरंत और सही कदम उठाना ज़िंदगी बचा सकता है.
इंसानियत और दोस्ती की जीत
जियांग झाओपेंग की यह कहानी हमें याद दिलाती है कि परीक्षा के नंबर कितने भी महत्वपूर्ण हों, जीवन और दोस्ती से बड़ा कुछ नहीं. यही कारण है कि यह खबर न सिर्फ सोशल मीडिया पर बल्कि गूगल पर भी वायरल हो रही है.
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