
आसनसोल.
भाजपा प्रदेश सचिव व आसनसोल साउथ की विधायक अग्निमित्रा पाल को पुलिस की ओर से दिये गये समय (19 फरवरी रात 12:00 बजे तक) के अंदर ही युवती से गैंगरेप के मामले के चारों आरोपी कानून की गिरफ्त में आ गये. पुलिस के बढ़ते दबाव और छिपने की सिकुड़ती जगह से परेशान होकर चारों आरोपियों अभिषेक बर्नवाल, रोहित राय, आकाश बिन और चंदन यादव (सभी हीरापुर थाना क्षेत्र के इस्माइल इलाके के निवासी) ने पुलिस से बचते-बचाते आखिरकार बुधवार को आकर आसनसोल जिला अदालत में सरेंडर कर दिया. पुलिस ने तुरंत सभी आरोपियों के 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. हालांकि जिसे खारिज करते हुए अदालत ने चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने बताया कि गुरुवार (आज) को चारों आरोपियों के जेल इंटेरोगेशन की अपील की जायेगी. मंजूर होते ही बुधवार को ही जेल में आरोपियों से पूछताछ की जायेगी. शुक्रवार को फिर पुलिस रिमांड की अपील की जायेगी. सूत्रों के अनुसार घटना के छह दिन बाद आखिरकार पीड़िता ने अदालत में आकर सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. इस बयान से ही तय होगा कि आगे मामला क्या रुख लेगा.क्या है पूरा मामला
13 फरवरी को दुर्गापुर अमराई स्वर्णकारपाड़ा इलाके की निवासी व स्नातक की छात्रा अपने कथित प्रेमी अभिषेक बर्नवाल व उसके तीन दोस्तों तथा अपनी तीन सहेलियों के साथ बिहारिनाथ (बांकुड़ा) घूमने गयी थी. यहां वे लोग एक होटल में कमरा लिए थे. सभी ने मिलकर नशा किया. अभिषेक उस छात्रा को लेकर एक कमरे में चला गया. कुछ देर बाद रोहित भी अभिषेक के कमरे में गया. आरोप है कि इसी रूम में छात्रा के साथ दोनों ने मिलकर दुष्कर्म किया. शाम को सभी वापस लौट आये और छात्रा को बर्नपुर गैलेक्सी मॉल के पास उसके अन्य सहेलियों के साथ कार से ड्रॉप किया. छात्रा के रिश्तेदार का घर बर्नपुर में है, वह वहीं चली गयी. कुछ देर बाद छात्रा की तबियत बिगड़ने पर उसे आसनसोल जिला अस्पताल में दाखिल किया गया. हालांकि रेप की शिकायत नहीं की गयी, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बतायी गयी. 14 फरवरी सुबह को जिला अस्पताल से छुट्टी करवाकर उसे दुर्गापुर इएसआइ अस्पताल में दाखिल किया गया.
युवती ने करीबी दोस्त को दी जानकारी, जिसने पुलिस को बताया
पीड़ता से अभिषेक व रोहित ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया है, यह बात पीड़िता ने फोन पर अपने एक करीबी दोस्त को बतायी. वह दोस्त छात्रा के जिला अस्पताल में दाखिल होने पर उक्त चारों आरोपियों को अस्पताल में बुलाया. रात को चारों अस्पताल में भी आये. वह पीड़िता से मिलने का प्रयास किया लेकिन मिल नहीं पाए. पीड़िता का करीबी दोस्त यह प्रयास में था कि इन चारों को अस्पताल में ही पुलिस से पकड़वा दिया जाए. उसकी यह मंशा चारों भांप गये और अस्पताल से भाग गए. अभिषेक का एक रिश्तेदार मामले की लीपापोती में लगा रहा. उसी करीबी दोस्त ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. जबतक यह जानकारी पुलिस को मिली आरोपी इलाका छोड़कर निकल चुके थे. जिसके बाद पुलिस दुर्गापुर अस्पताल में छात्रा के पास पहुंची. छात्रा के परिजन बदनामी की डर से शिकायत देने में आनाकानी करने लगे. आखिकार 14 फरवरी की रात को पीड़िता की मां ने आसनसोल महिला थाना में आकर शिकायत दर्ज करवायी. जिसमें उक्त चार युवकों का नाम दिया, लेकिन शिकायत में साफ तौर पर कहा गया कि अभिषेक और रोहित ने मिलकर दुष्कर्म किया गया है. जिसके बाद से ही पुलिस छात्रा की मेडिकल जांच व अन्य प्रक्रिया शुरू की. 15 फरवरी को भाजपा की ओर से इस मुद्दे को लेकर दुर्गापुर से आसनसोल तक आंदोलन शुरू हो गया. आसनसोल साउथ की विधायक अग्निमित्रा पाल आसनसोल पुलिस लाइन के सामने सड़क अवरोध कर धरने पर बैठ गयी. उनकी मांग थी कि आरोपियों को पुलिस कितने समय के अंदर गिरफ्तार करेगी, इसकी जानकारी दे. शाम साढ़े पांच बजे से रात आठ बजे तक आंदोलन चला. आखिरकार पुलिस ने 19 फरवरी रात 12 बजे के अंदर आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया. जिसके उपरांत श्रीमती पाल ने आंदोलन समाप्त किया और यह भी कहा कि 19 तारीख तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं तो 20 फरवरी से पुनः आंदोलन होगा.बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में पुलिस से बचने को छिपते रहे आरोपी, आखिर में किया सरेंडर
सूत्रों के अनुसार आरोपी रोहित कुछ दिनों तक गाजियाबाद (यूपी) में काम किया है. उसके जीजाजी वहां रहते हैं. परिजनों से मिली सूचना के पुलिस की टीम गाजियाबाद पहुंची. रोहित की बहन की शादी वैशाली में हुई है. यहां एक टीम गयी. समस्तीपुर में आरोपी गये थे. पुलिस वहां दबिश दी. मंगलवार को आरोपी मुगलसराय (यूपी) पहुंचे थे. पुलिस इनके पीछे-पीछे थी. यहां से भी वे पुलिस से बच के निकल गये. बुधवार सुबह ये देवघर पहुंचे थे. यहां भी पुलिस इनकी तलाश में गयी, तबतक ये लोग आसनसोल अदालत में आकर सरेंडर कर दिया. पुलिस के दाबाव में यह लोग घिर चुके थे. जिसके कारण सीधे अदालत पहुंच गये.
सरेंडर के दिन ही पीड़िता का बयान दर्ज कराना है संयोग या कुछ और
पुलिस ने विधायक अग्निमित्रा पाल को आश्वासन दिया था कि आरोपियों को 19 फरवरी तक पकड़ लिया जायेगा. चारों आरोपियों ने बुधवार 19 तारीख को ही आकर सरेंडर कर दिया. नोटिस के बावजूद पीड़िता मजिस्ट्रेट के समक्ष घटना का बयान दर्ज कराने लिए मंगलवार तक नहीं आयी. पांच दिनों तक बैठी रही, 19 तारीख को ही उसने आकर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज करवाया. क्या यह सारा कुछ एक ही दिन होना एक संयोग है? कुछ तो गड़बड़ की आशंका लोग जता रहे हैं. पीड़िता बालिग है और उसका बयान मामले में काफी अहम है. धारा 164 के तहत बयान ही इस मामले में जांच की दिशा तय करेगा. एक बड़े नेता भी इस मामले में दोनों पक्षों के बीच-बचाव में जुटे हैं.
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