Home Rajya पश्चिम-बंगाल Corona virus Outbreak : एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना से संक्रमित मिले

Corona virus Outbreak : एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना से संक्रमित मिले

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Corona virus Outbreak  : एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना से संक्रमित मिले

कोलकाता : महानगर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. रविवार को एक ही परिवार के तीन सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इसके साथ ही राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ कर सात हो गयी है. इनमें से छह आइडी व एक सॉल्टलेक स्थित एएमआरआइ अस्पताल में भर्ती हैं.

जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार कोलकाता के 85 नंबर वार्ड के पंडितिया रोड का रहने वाले है. इस परिवार का एक सदस्य 13 मार्च को लंदन से लौटा था. कोरोना से संक्रमित होने के चलते उसे बोलियाघाटा आइडी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. यह राज्य में कोरोना वायरस का दूसरा मामला था. इस 22 वर्षीय युवक के कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसके उसके माता -पिता, दादा-दादी सह परिवार के 11 सदस्यों को न्यूटाउन स्थित क्वारंटाइन में रखा गया था.

इसी युवक के माता-पिता और घर में कार्य करनेवाली एक नौकरानी के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. तीनों पीड़ित आइडी हॉस्पिटल के स्पेशल आइसोलेशन वार्ड में रखे गये हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंट्रिक डिजीज में तीनों पीड़ितों के नमूनों की जांच हुई. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी है. परिवार के बाकी आठ सदस्यों को न्यूटाउन क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. गौरतलब है कि कोलकाता लौटने के बाद युवक को होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया था, लेकिन उसने क्वारंटाइन में न रह कर ईधर-उधर घूमना शुरू कर दिया था. बाद में उसे कोरोना संक्रमित पाया गया. इस बीच, एएनआरआइ में भर्ती कोरोना पीड़ित मरीज की सेहत गंभीर बनी हुई है. उसे वेंटिलेशन पर रखा गया है.

ढाबा के कर्मचारी भी क्वारंटाइन में : जानकारी के अनुसार लंदन से लौटने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट से घर वापसी के दौरान युवक उल्टाडांगा के ढाबा में गया था. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर इस ढाबा को बंद कर सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है.

आइडी के स्पेशल वार्ड में मात्र 10 बेड : आइडी के स्पेशल आइसोलेशन वार्ड में 10 बेड हैं. इनमें छह पर कोरोना पीड़ितों की चिकित्सा हो रही है. ऐसे में अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो उन्हें कहां रख कर इलाज किया जायेगा? यह सवाल प्रबंधन को परेशान कर रहा है.

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