आंदोलनकारी शिक्षक बदलें अपना प्रदर्शन स्थल: हाइकोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों व गैर शिक्षण कर्मचारियों को जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शन स्थल बदलने के लिए कहा है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | May 24, 2025 1:19 AM
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संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित व सहायता प्राप्त स्कूलों के इन शिक्षकों व गैर शिक्षण कर्मचारियों को नियुक्ति में गड़बड़ियों को लेकर आये सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है. इसके बाद से ये लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

अदालत ने विधाननगर नगर निगम को नये विरोध स्थल पर पेयजल और जैव-शौचालय सुविधाओं समेत आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया. न्यायाधीश ने कहा: पुलिस और फोरम के सदस्य आपसी सहमति से अतिरिक्त प्रदर्शनकारियों के भाग लेने के बारे में निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि फोरम को ऐसे परामर्श के लिए अधिकृत 10 सदस्यों की सूची उपलब्ध करानी होगी.भीषण गर्मी को देखते हुए अदालत ने राज्य को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी.

पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 15 मई की घटना को लेकर जारी किये गये कारण बताओ नोटिस से संबंधित कार्रवाई करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया. मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को तय की गयी है.फोरम के प्रतिनिधियों के रूप में अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर नौकरी खो चुके दो शिक्षकों ने कहा कि वे केवल जनता के सामने अपनी बात रखने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि विरोध प्रदर्शन शुरू से ही शांतिपूर्ण रहा है और 15 मई या किसी अन्य तिथि को किसी भी आंदोलनकारी ने किसी भी तरह का उपद्रव नहीं मचाया.

बुधवार को अदालत के मौखिक निर्देश के बाद दो याचिकाकर्ता पुलिस के सामने पेश हुए थे. उनके वकील ने पीठ को इस बारे में सूचित किया.

उच्चतम न्यायालय ने अनियमितताओं का हवाला देते हुए इस साल अप्रैल में 2016 की भर्ती परीक्षा को अमान्य करार दिया था, जिसके बाद लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था.

क्या कहा हाइकोर्ट ने

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