मुर्शिदाबाद हिंसा में गयी थी तीन लोगों की जान
कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले माह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को मुर्शिदाबाद और मालदा जिले के लोगों को साल्टलेक में प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी. हाइकोर्ट की अनुमति मिलने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने प्रदर्शनकारियों में से पांच लोगों के एक दल को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष या उनके द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी को ज्ञापन सौंपने की भी अनुमति दी. यह प्रदर्शन अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मुर्शिदाबाद जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आयोजित किया गया. इस हिंसा में पिता और बेटे सहित तीन लोगों की जान चली गयी थी. दंगाइयों ने उनकी जान ले ली थी.
अदालत ने निर्देश दिया कि प्रदर्शन में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं और शाम चार बजे तक इसे आयोजित करने का निर्देश दिया था. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने निर्देश दिया कि प्रतिभागी यह सुनिश्चित करेंगे कि साल्टलेक में सेंट्रल पार्क के पास प्रदर्शन के कारण लोगों की आवाजाही और यातायात बाधित न हो. प्रदर्शनकारियों ने डब्ल्यूबीएचआरसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, लेकिन बाद में सभी पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रदर्शन सेंट्रल पार्क के पास आयोजित किया जायेगा, क्योंकि अदालत ने वहां धरना देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
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