Also Read: राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को फिर लिखा पत्र, निगम में प्रशासक नियुक्ति की फिर मांगी जानकारी, कहा- मुख्यमंत्री की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को अपने नाम से लागू करती है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में आवास बनाये जाते हैं, लेकिन इसका क्रेडिट मुख्यमंत्री खुद लेती हैं. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे देश के लोगों को लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए योजनाओं की घोषणा की है. मध्यम वर्ग को भी ऋण में राहत दी है. केंद्र सरकार ने अभी तक 450 ट्रेनें चलायी है. 10 लाख श्रमिक अपने घर वापस आये हैं, जबकि मुख्यमंत्री मात्र 17 ट्रेनों को चलाने का आग्रह किया था. अब दवाब में 100 ट्रेनों की चलाने की अनुमति मांगी है.
Also Read: बंगाल में कोरोना से मुकाबला को लेकर मुकुल राय का आरोप, कहा- कंटेनमेंट जोन की परिभाषा बदल दे रही है सरकार
श्री घाेष ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. वेल्लोर, बेंगलुरु व दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में बंगाल से इलाज कराने गये लोग फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि वाममोर्चा शासन काल से लेकर तृणमूल शासन काल तक राज्य के विकास के लिए कदम नहीं उठाये गये. उद्योग-धंधे नहीं लगे. इस कारण लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ा. राज्य सरकार यह स्पष्ट करे कि बंगाल के कितने श्रमिक बंगाल के बाहर काम करने के लिए विवश हैं? लेकिन, राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस बाबत कोई भी आंकड़े जारी नहीं किये गये हैं.
निगम में प्रशासक बैठाने जाने पर टिप्पणी करते हुए श्री घोष ने कहा कि यह सरकार चाहती है कि पीछे के दरवाजे से शासन करे. सरकार चुनाव नहीं चाहती और पहले माकपा विरोध करती थी लेकिन अब सिलीगुड़ी में भी माकपा के नेता अशोक भट्टाचार्य को प्रशासक बना कर उनका मुंह बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा यदि माकपा विरोध करती है तो उसे खुल कर बोलना चाहिए और चुनाव की मांग करनी चाहिए.