कोलकाता. माता, पिता और बहन की हत्या के मामले में हुगली जिले के एक व्यक्ति को पहले से सुनायी गयी मृत्युदंड की सजा को कलकत्ता हाइकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया है. अभियुक्त का नाम प्रमथेश घोषाल बताया गया है. वह प्राइवेट ट्यूटर के रूप में मैथ्स पढ़ाने का काम करता था. पिछले वर्ष हुगली के जिला एवं सत्र न्यायालय ने घोषाल को तीन परिजनों की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए मृत्युदंड की सजा सुनायी थी, जिसे चुनौती देते हुए अभियुक्त ने कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाइकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवांशु बसाक और न्यायमूर्ति एमएस रसीदी की खंडपीठ ने मृत्युदंड की उपरोक्त सजा को कम कर आजीवन कारावास में बदलने का फैसला दिया. स्मरण रहे कि 2021 में प्रमथेश के मां, पिता और बहन की लाशें घर से बरामद हुई थीं. उसने किसी भारी वस्तु से हमला कर तीनों की हत्या की कोशिश की थी. बाद में इनके हाथों की नसें काट डाली थीं. इसके पश्चात प्रमथेश ने खुद भी आत्महत्या की कोशिश की थी, पर जैसे-तैसे उसकी जान बच गयी थी. घटना हुगली जिले के धनिया खाली स्थित दसघड़ा गांव में हुई थी.
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