हुगली. जमानत मिलने के बावजूद जमानती न मिलने के कारण करीब दो साल तक जेल में बंद रहे बिहार के बद्री साहनी (45) को आखिरकार बुधवार को रिहाई मिल गयी. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और स्वयंसेवी संस्था ””संकल्प टुडे”” की पहल पर उन्हें बीस हजार रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी गयी. मूलतः मुज़फ्फरपुर निवासी बद्री साहनी पंजाब के भटिंडा में परिवार के साथ रहते थे. सितंबर 2022 में सिंगुर स्टेशन क्षेत्र से पुलिस ने उन्हें डकैती की योजना के आरोप में गिरफ्तार किया था. कुछ समय चंदननगर जेल में रहने के बाद उन्हें हुगली जेल में भेज दिया गया था. हुगली में कोई परिचित न होने के कारण उन्हें जमानती नहीं मिल सका. जेल विज़िट के दौरान बद्री ने सेवा प्राधिकरण से मदद की गुहार लगायी. उनके पास वकील भी नहीं था, जिसके बाद सेवा प्राधिकरण ने वकील सुकांत कुमार दास को नियुक्त किया. निचली अदालत से जमानत खारिज होने पर जज कोर्ट में अपील की गयी, जिसमें सफलता मिली. डीएलएसए सचिव मनाली सामंत ने बताया कि मार्च 2023 में ही जमानत मंजूर हो गयी थी, लेकिन 20 हजार रुपये का बांड न भर पाने के कारण बद्री जेल में ही रहे. संस्था ””लीगलेंट”” और ””संकल्प टुडे”” की मदद से बाॅन्ड की व्यवस्था हुई. जेल से छूटते समय बद्री ने कहा, कैसे हुगली पहुंचा, याद नहीं है. अब इलाज के बाद ठीक हूं. सीधे घर जाकर पत्नी और बच्चों को चौंकाउंगा. सेवा प्राधिकरण के वकील सुब्रत गुच्छाइत समेत सभी को धन्यवाद दिया. प्राधिकरण ने ऐसे जरूरतमंदों के लिए आगे भी काम जारी रखने का संकल्प जताया.
संबंधित खबर
और खबरें