इधर, राज्यपाल श्री धनखड़ ने ट्विटर के माध्यम से कहा कि किसानों को केंद्र सरकार की योजना के तहत मिलने वाली सहायता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. राज्यपाल ने अपने ट्विटर हैंडल में लिखा कि ममता सरकार की विफलता के कारण किसानों को 8,400 करोड़ का लाभ नहीं मिला.
7 फरवरी, 2020 को विधानसभा में दिये गये मेरे संबोधन में, सरकार द्वारा उल्लेखित लाभप्रद योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान योजना का जिक्र नहीं था. किसानों के लिए केवल 620 करोड़ रुपये हैं. किसानों के साथ न्याय करने का समय है. उन्हें पूरे देश में उपलब्ध लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है.
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धनखड़ के दावे पर प्रतिक्रिया करते हुए वरिष्ठ टीएमसी नेता और मंत्री फरहाद हकीम (Farhad Hakim) ने कहा कि राज्यपाल को किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए. हाकिम ने कहा कि राज्यपाल को ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से पहले पिछले 9 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी किसान- समर्थक योजनाओं के बारे में पता लगाना चाहिए.
इस हफ्ते की शुरुआत में श्री धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखे थे. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए इसे राज्य के 70 लाख किसानों के साथ क्रूर मजाक और ऐतिहासिक अन्याय कहा था. उन्होंने कहा था कि इस योजना के तहत देश भर के किसानों को अब तक लगभग 92,000 करोड़ रुपये मिले हैं और बंगाल में किसानों को कुछ भी नहीं मिला.
Posted By : Samir Ranjan.