क्लब लगभग 50 वर्षों से कर रहा है दुर्गापूजा का आयोजन
पूजा कमेटी की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य और फिरदौस शमीम ने कहा कि क्लब लगभग 50 वर्षों से दुर्गापूजा का आयोजन कर रहा है. किसी भी वर्ष अनुमति को लेकर कोई समस्या नहीं हुई. इस वर्ष 112 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा बनाने की योजना है, जो एक मिसाल कायम कर सकता है. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा पंडाल को अनुमति नहीं देने की घोषणा के बाद पुलिस ने जाकर पंडाल का निर्माण रुकवा दिया, इसलिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है.
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पुलिस को भगदड़ की आशंका
वहीं, पुलिस का कहना है कि इतनी ऊंची प्रतिमा बनने से यहां लोगों की भारी भीड़ जुट सकती है. इससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. प्रशासन कोई जोखिम उठाना नहीं चाहता, इसलिए पूजा की अनुमति नहीं दी जा रही है. पुलिस ने वर्ष 2015 में देशप्रिय पार्क का हवाला देते हुए बताया कि कमेटी ने 88 फीट की दुर्गा प्रतिमा बनायी थी, जिसे देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी कि उसे संभालने में पुलिस के पसीने छूट गये थे. अंतत: नवरात्रि के दौरान बीच में ही पुलिस प्रशासन ने प्रतिमा दर्शन बंद करा दिया था.
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यूनेस्को और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड को दी गई है पूजा की जानकारी
राणाघाट का अभियान संघ विश्व की सबसे बड़ी दुर्गा का निर्माण कर आश्चर्यचकित करना चाहता था. क्लब के वकील विकासरंजन भट्टाचार्य ने हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले की जानकारी यूनेस्को और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड को दे दी गयी है.हालांकि, पूजा होगी या नहीं यह सोमवार को कोर्ट की सुनवाई के बाद ही समझ आएगा.
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