सरकारी स्कूल बना बच्चों का बैंक, अस्पताल व ऑडिटोरियम से लैस मॉडल परिसर

स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है, लेकिन डिजिटल युग में जहां निजी स्कूल हर सुविधा से लैस हैं, वहीं सरकारी स्कूलों की हालत अक्सर दयनीय बनी रहती है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | May 22, 2025 1:09 AM
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बच्चों का अपना बैंक और अस्पताल

विद्यालय की एक आलमारी ही बच्चों का बैंक है. हर छात्र का एक गुल्लक (जिसे स्थानीय भाषा में ””””लख्खी भाड़”””” कहा जाता है) होता है, जिस पर उसका नाम लिखा होता है. अभिभावक जो भी जेबखर्च देते हैं, बच्चे उसे गुल्लक में जमा करते हैं. यही जमा रकम समय पर उनकी पाठ्य सामग्री की खरीदारी में काम आती है. कुछ बच्चों ने अपने इस पैसे से अभिभावकों के इलाज में भी मदद की है. स्कूल परिसर में एक छोटा-सा अस्पताल भी है, जिसमें एक खाट, एक पंखा और प्राथमिक इलाज की दवाएं रखी गयीं हैं. किसी छात्र की तबीयत बिगड़ने पर तत्काल वहीं प्राथमिक उपचार किया जाता है.

प्रधान शिक्षिका की पहल

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