कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने 32,000 नौकरी रद्द करने के मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर अदालत को भ्रष्टाचार दिखेगा, तो वह कार्रवाई करेगी. वहीं, हाइकोर्ट के आदेश पर नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के एक वर्ग ने 32,000 प्राथमिक शिक्षक की नौकरियां रद्द करने के मामले में एकल पीठ की भूमिका पर सवाल उठाया.
By BIJAY KUMAR | July 3, 2025 10:53 PM
कोलकाता.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने 32,000 नौकरी रद्द करने के मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर अदालत को भ्रष्टाचार दिखेगा, तो वह कार्रवाई करेगी. वहीं, हाइकोर्ट के आदेश पर नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के एक वर्ग ने 32,000 प्राथमिक शिक्षक की नौकरियां रद्द करने के मामले में एकल पीठ की भूमिका पर सवाल उठाया. गुरुवार को नौकरी गंवाने वालों के वकील अनिंद्य मित्रा ने अदालत में कहा कि नौकरी रद्द करने का फैसला सुनाते हुए एकल पीठ ने कहा था कि न्याय कानून से ऊपर है. वकील के शब्दों में : कानून के बिना न्याय प्रदान करना कैसे संभव है. कानून का शासन हमारे देश के मूल ढांचे का एक हिस्सा है. क्या आप कानून का पालन किये बिना फैसला दे सकते हैं? चूंकि, हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायाधीश ऋतोब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ में गुरुवार को सुनवाई पूरी नहीं हुई. सोमवार को फिर से मामले की सुनवाई होगी.
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