हाथापाई में 10 सुरक्षाकर्मी घायल
संवाददाता, कोलकाता
विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को शोर-शराबे और हंगामे के चलते भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ शंकर घोष समेत बीजीपी के चार विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया. डॉ घोष के नेतृत्व में भाजपा के करीब 40 विधानसभा सदस्य पार्टी विधायकों की टिप्पणियों को हटाये जाने का विरोध कर रहे थे. जिन टिप्पणियों को हटाया गया है उनमें जाने-माने अर्थशास्त्री से पार्टी विधायक बने अशोक लाहिड़ी की टिप्पणियां भी शामिल थीं. कई सालों बाद विधानसभा का सत्र इतना हंगामेदार रहा है. स्पीकर के कहने पर विधानसभा का मार्शल व अन्य सुरक्षाकर्मियों ने भाजपा के निलंबित विधायकों को खिंचते व धक्का देते हुए सदन से बाहर निकाला.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल बिक्री कर (सेटलमेंट आफ डिस्प्यूट) संशोधन विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान अशोक लाहिड़ी सहित अन्य भाजपा विधायकों के बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. स्पीकर बिमान बनर्जी के इस फैसले के खिलाफ श्री लाहिड़ी सोमवार को सदन में ‘प्वाइंट ऑफ ऑर्डर’ के तहत भाजपा विधायकों के सदन में दिये भाषणा को हटाये जाने का कारण पूछा. उन्होंने पूछा कि उनके साथी विधायकों ने ऐसा क्या कह दिया जिसे स्पीकर रिकॉर्ड से हटाने को मजबूर हुए. स्पीकर ने मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को इसका जवाब देने को कहा. सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के भाषण में बार-बार बाधा डाला. इसके बाद दोनों ओर से नारे बाजी शुरू हुई.
इस दौरान स्पीकर ने दीपक बर्मन और मनोज उरांव को अपनी सीट पर जा कर बैठने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के विधायकों को चेतावनी दी की अगर वे विरोध करना बंद नहीं कर देते हैं तो सभी को निलंबित कर दिया जायेगा. विधानसभाध्यक्ष बिमान बनर्जी ने पहले उनसे अपनी सीट पर जाने को कहा और जब वे नहीं माने तो उन्होंने चार विधायकों को सदन से निलंबित करने का आदेश दिया. स्पीकर ने विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष, अग्निमित्रा पॉल, दीपक बर्मन और मनोज उरांव को दुर्व्यवहार करने, अध्यक्ष के आदेशों की अवहेलना करने, कार्यसूची फाड़ने और अपनी मेजों पर माइक्रोफोन पटकने को लेकर सदन से निलंबित कर दिया गया. इन चार विधायकों को पूरे मॉनसून सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है. ज्ञात हो कि विधानसभा का यह सत्र मंगलवार को समाप्त होगा. इसके बाद लंबित विधायकों के सदन से जाने से पहले अग्निमित्रा और तृणमूल विधायक असीमा पात्रा के बीच तीखी नोकझोंक हुई लेकिन अन्य तृणमूल विधायकों ने इसे बढ़ने से रोक दिया.
सदन में जम कर हुई हाथापाई: सदन इतना हंगामा हो रहा था कि स्पीकर ने निलंबित विधायकों को बाहर ले जाने का निर्देश दिया. पर भाजपा के निलंबित विधायक सदन छोड़ने को तैयार नहीं थे. ऐसे में सुरक्षाकर्मी डॉ शंकर घोष और तीन अन्य भाजपा विधायकों को सदन से बाहर ले गये. इस दौरान हाथापाई भी हुई. वहीं अन्य भाजपा विधायकों ने 20 मिनट तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद सदन से वॉकआउट किया. जब विधानसभाध्यक्ष ने कार्यवाही जारी रखी,तब विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी उनकी सीट के पास पहुंचे और विधायकों के खिलाफ की गयी कार्रवाई पर विरोध दर्ज कराने की कोशिश की. पर स्पीकर ने कहा, कृपया सदन से बाहर चले जाइये. यह कोई तरीका नहीं है.
माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने के लिए कार्रवाई के बारे में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष और मंत्री फिरहाद हकीम की मांगों पर अध्यक्ष ने कहा, मैं इस मुद्दे को देखूंगा. ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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