संवाददाता, कोलकाता
अपने ही लॉ कॉलेज में गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता ने कसबा थाने में तीन आरोपियों के खिलाफ चार पन्नों की शिकायत में अपनी आपबीती सुनायी है. उसकी शिकायत कॉपी में तीन नाम हैं. मुख्य आरोपी को उसके नाम के शुरुआती अक्षर ‘जे’ के रूप में संबोधित किया है. अन्य दो आरोपियों को ‘एम’ और ‘पी’ के रूप में रेखांकित किया है. पीड़िता ने लिखा है : मैं 25 जून को परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेज गयी थी. दोपहर में फॉर्म भरने का काम पूरा हो गया. इसके बाद यूनियन रूम में गयी. तब दोपहर के 12.05 बजे थे. इसी बीच ‘जे’ ने यूनियन रूम में प्रवेश किया और कहा कि सभी लोग यूनियन रूम में ही रहें. हमने वैसा ही किया. वह कॉलेज का पूर्व छात्र है और कॉलेज की टीएमसीपी इकाई का प्रमुख भी. वह कॉलेज में बहुत प्रभावशाली है. हर कोई उसकी बात सुनता है. अपराह्न चार बजे तक कई लोग यूनियन रूम से चले गये. वह भी कॉलेज गेट की ओर बढ़ रही थी. उस समय उसकी मुलाकात कॉलेज के जीएस (महासचिव) से हुई और दोनों में बात हुई. इसके बाद वे ‘जे’ से मिले. उसने उसे बिस्किट का पैकेट दिया और उसे फिर से यूनियन रूम में जाने को कहा. कुल मिलाकर सात लोग यूनियन रूम में इकट्ठे हुए. वहां ‘जे’ ने अपने निजी जीवन पर चर्चा शुरू की. कुछ देर बाद ‘पी’ ने मुझे यूनियन रूम के बाहर बुलाया और मेरी वफादारी का सबूत मांगा. मैंने उससे कहा कि मैं उनके प्रति वफादार हूं.
हम वापस यूनियन रूम में गये. वहां ‘जे’ ने मुझसे पूछा कि क्या ‘पी’ ने मुझे सब कुछ बता दिया है. तब मैंने कहा, “ हां दादा, मैं हमेशा यूनिट के साथ हूं.” तब उसने मुझसे कहा, ‘‘नहीं, बस इतना ही नहीं है”. इसके बाद ‘जे’ ने मुझे प्रपोज किया. हम दोनों यूनियन रूम से बाहर आये और उसने कहा कि जब से उसने पहली बार कॉलेज में उसे देखा था, तब से वह उसे पसंद करता है. ‘जे’ ने कहा कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के बाद किसी से सबसे ज्यादा प्यार करता है, तो वह मैं ही हूं. इसके बाद उसने मेरे सामने शादी का प्रस्ताव रखा. मैंने प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि मेरा बॉयफ्रेंड है.
मैं उसे नहीं छोड़ सकती. उसके बाद हमने थोड़ी देर बात की और वापस यूनियन रूम में चले गये. उस समय सब कुछ सामान्य था. शाम 6:10 बजे यूनियन रूम में मौजूद अन्य छात्र भी घर जा रहे थे. मैं भी घर जाने के लिए निकलने लगी. तभी ‘जे’ ने उसे और कुछ देर तक रुकने को कहा. वह और कुछ अन्य लोग वहां थे. जब मैं शाम 7:30 बजे जाने लगी, तो ‘जे’ ने फिर से रोका और अपनी आंखों के इशारे कर अन्य दो आरोपियों ‘पी’ और ‘एम’ को यूनियन रूम से बाहर निकल जाने को कहा. उनके जाते ही यूनियन रूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया. ‘जे’ ने मुझे वॉशरूम की ओर खींचा और मुझे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता रहा.
मैं बार-बार ‘ना’ कहती रही. उसे रोकती रही. रोती रही. जाने देने की भीख मांगती रही. लेकिन उसने मेरी एक न सुनी. वह मुझे और मजबूर करता रहा. मैं डर गयी और मुझे पैनिक अटैक आ गया. सांस लेने में दिक्कत होने लगी. फिर ‘जे’ ने ‘एम’ और ‘पी’ को आवाज लगायी. मैंने उनसे कहा कि मुझे रूबी जनरल अस्पताल ले चलो, क्योंकि मैं अस्वस्थ महसूस कर रही थी. लेकिन उनमें से किसी ने मेरी बात नहीं सुनी. फिर मैंने उनसे अनुरोध किया कि कम से कम मेरे लिए इनहेलर तो ला दो. ‘एम’ ने उस पर प्रतिक्रिया दी. इनहेलर लेने के बाद मुझे थोड़ा बेहतर महसूस हुआ. इसके बाद मैं अपना सामान समेट भागने ही वाली थी, तभी लेकिन मैंने देखा कि वे मुख्य द्वार बंद कर रहे थे. मैंने गार्ड ( जो गेट पर खड़ा था) से मदद मांगी. लेकिन वह असहाय था. उसने मेरी मदद नहीं की. ‘एम’ और ‘पी’ मुझे फिर जबरन यूनियन रूम में ले गये. मैंने ‘जे’ से विनती की. उसके पैर तक पकड़े. उसने ‘एम’ और ‘पी’ से कहा कि मुझे गार्ड के कमरे में ले जायें और गार्ड को बाहर ही रहने दें. दोनों ने वही किया.
गार्ड रूम में जबरन ले जाने के बाद ‘जे’ ने मेरे कपड़े उतार दिये और मेरा बलात्कार किया. जब मैंने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. उसने मुझे धमकाया और कहा कि वह पहले भी ऐसा कर चुका है. उसने मेरे बॉयफ्रेंड को जान से मारने और मेरे माता-पिता को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करवाने की धमकी दी. जब मैंने उसे रोका, तो उसने मुझे मेरे नग्न होने के दो वीडियो दिखाये और कहा कि वह यह वीडियो सबको दिखाएगा.
जब ‘जे’ मेरा रेप कर रहा था, तो ‘एम’ और ‘पी’ वहीं खड़े होकर देख रहे थे. मैंने खुद को बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन मैं खुद की आबरू नहीं बचा सकी. इस बीच ‘जे’ ने मेरे सिर पर जोरदार वार किया. लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया. मैंने खुद को छुड़ाने की कोशिश की. फिर उसने मुझे हॉकी स्टिक से पीटना चाहा. एक समय के बाद मै थक गयी थी. मैंने खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष करना बंद कर दिया. मैं अधमरी महसूस कर रही थी. उसने मेरा रेप किया और चला गया. 10:50 बजे जब मैं किसी तरह उस कमरे से बाहर निकलने में कामयाब हुई, तब भी ‘जे’ ने मुझे धमकाया कि मैं इस बारे में किसी को न बताऊं.
मेरा फोन ‘एम’ के पास था. मैंने फोन उठाया. कॉलेज से निकलने के बाद मैंने अपने पिता को फोन किया. मैंने उनसे कहा कि वह आकर मुझे ले जाएं. मैंने अपने पिता को सब कुछ बताया, लेकिन मैं पुलिस के पास जाने से डर रही थी. मैं ‘जे’ की ताकत जानती थी. मैं उससे डर रही थी. लेकिन 26 जून को मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का मन बना लिया. एक कानून की छात्रा होने के बावजूद आज मैं खुद पीड़ित हूं. मुझे अपने लिए न्याय चाहिए. कृपया ‘जे’, ‘एम’ और ‘पी’ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें.
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