सलानपुर में कारखाने से निकलने वाले रसायन से फसलें हो रही बर्बाद, ग्रामीणों में गुस्सा

Bengal news, Asansol news : सलानपुर प्रखंड के देंदुआ ग्राम पंचायत अंतर्गत नेकड़ाजोड़िया इलाके में स्थित इस्टर्न ट्रैक उद्योग प्राइवेट लिमिटेड कारखाने से निकलने वाले केमिकल से फसलें बर्बाद हो रही है. फसलें बर्बाद होने से नाराज किसानों समेत स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मंगलवार को लोगों ने कारखाने गेट के सामने करीब 5 घंटे तक विरोध प्रदर्शन भी किया. प्रबंधन द्वारा आगामी 25 सितंबर, 2020 को इस मुद्दे पर बैठक का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2020 4:18 PM
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Bengal news, Asansol news : रुपनारायणपुर (पश्चिम बंगाल) : सलानपुर प्रखंड के देंदुआ ग्राम पंचायत अंतर्गत नेकड़ाजोड़िया इलाके में स्थित इस्टर्न ट्रैक उद्योग प्राइवेट लिमिटेड कारखाने से निकलने वाले केमिकल से फसलें बर्बाद हो रही है. फसलें बर्बाद होने से नाराज किसानों समेत स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मंगलवार को लोगों ने कारखाने गेट के सामने करीब 5 घंटे तक विरोध प्रदर्शन भी किया. प्रबंधन द्वारा आगामी 25 सितंबर, 2020 को इस मुद्दे पर बैठक का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ.

स्थानीय युवक शंकर घोष ने बताया कि कारखाना के पीछे सभी खेतों में धान की फसलें लगी है. लेकिन, कारखाना से निकलने वाले रसायन पदार्थ से खड़ी फसलें बर्बाद हो गयी है. कारखाने में रेलवे ट्रैक में उपयोग होनेवाला पेंडुला क्लिप का निर्माण होता है. पेंडुला क्लिप निर्माण के लिए उपयोग किये गये केमिकल को रात के अंधेरे में खेतों में बहा दिया जाता है. जिसके कारण क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो रही है.

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फसल बर्बाद होने से लोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. इसी मुद्दे पर फसल का मुआवजा एवं कारखाने में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. करीब 5 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कारखाना प्रबंधन ने लोगों से बात की और आगामी 25 सितंबर, 2020 को इस मुद्दे पर बैठक का आश्वासन देने पर प्रदर्शन खत्म हुआ.

कारखाना प्रबंधन के अनुसार, उनकी इकाई से किसी भी प्रकार का कोई केमिकल खेतों में नहीं बहाया जाता है. फसल कैसे बर्बाद हुई इसकी जानकारी नहीं है. मालूम हो कि इससे पूर्व भी इलाके में स्थित कुछ कारखानों द्वारा उपयोग किये हुए केमिकल सही प्रकार से नष्ट करने की बजाय खेतों में बहा देने के मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया था. जिसमें स्थानीय बीडीओ को हस्तक्षेप करना पड़ा था.

Poasted By : Samir Ranjan.

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