संवाददाता, कोलकाता
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) द्वारा स्नातक इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए एक स्वतंत्र स्पॉट काउंसेलिंग राउंड आयोजित करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. जेयू के इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी के डीन सरोज मंडल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (डब्ल्यूबीजेइइ) 2025 के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद, 15 इंजीनियरिंग विभागों में लगभग 1,200 सीटों पर प्रवेश के लिए विकेन्द्रीकृत, ऑन-द-स्पॉट काउंसेलिंग का एक दौर आयोजित करने की मांग की गयी थी. डब्ल्यूबीजेइइ परिणामों के प्रकाशन में देरी को देखते हुए प्रवेश को तेज करने की योजना को ध्यान में रखकर यह मांग रखी गयी थी.
डब्ल्यूबीजेइइ 2025 का आयोजन 27 अप्रैल को हुआ था, लेकिन ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी जटिलताओं के कारण नतीजों में देरी हो रही है. सूत्रों के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
जेयू के शिक्षक संघ (जूटा) ने इस फैसले की आलोचना करते हुए तर्क दिया है कि विकेंद्रीकृत काउंसेलिंग से दाखिले में तेजी आती और कक्षाएं समय पर शुरू होतीं, जैसा कि विश्वविद्यालय ने अतीत में सफलतापूर्वक किया है. छात्रों और अभिभावकों को संबोधित एक खुले पत्र में जूटा के अध्यक्ष पार्थ प्रतीम विश्वास और महासचिव पार्थ प्रतीम रे ने राज्य भर में इंजीनियरिंग दाखिलों में अनिश्चितता पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जहां सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान अधर में लटके हुए हैं, वहीं कई निजी कॉलेज किसी तरह दाखिले कर रहे हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि चल रही देरी और स्पष्टता की कमी के कारण अच्छे छात्र बंगाल के बाहर के संस्थानों में जा रहे हैं या निजी कॉलेजों में महंगे दाखिले ले रहे हैं. अब उनके प्रस्ताव को सहमति नहीं मिली है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है